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वन विभाग के लाखों की लागत से बने क्वार्टर बेकार

बालूमाथ वन क्षेत्र अंतर्गत हेरहंज प्रखंड में वन विभाग की ओर से वन रक्षकों के रहने के लिए लाखों रुपये की लागत से बना क्वार्टर उपेक्षा का शिकार है.

हेरहंज/बारियातू. बालूमाथ वन क्षेत्र अंतर्गत हेरहंज प्रखंड में वन विभाग की ओर से वन रक्षकों के रहने के लिए लाखों रुपये की लागत से बना क्वार्टर उपेक्षा का शिकार है. इन क्वार्टरों के निर्माण का उद्देश्य वनकर्मियों को वहां रखने का था. वहीं वन क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण, पेड़ों की कटाई व पोस्ते की खेती पर नियंत्रण रखना था. वर्ष 2018-19 में यहां क्वार्टर का निर्माण हुआ था. क्वार्टर में बिजली-पानी समेत सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. इसके बावजूद यहां एक भी वनरक्षी नहीं रहते हैं. यहां तैनात तीन वनरक्षी आनंद कुमार चौधरी, रवि कुमार दास व शिवशंकर राम बालूमाथ व बारियातू में बने वन विभाग के क्वार्टर में ही रहते हैं. हेरहंज व बारियातू में अंधाधुंध पेड़ कटाई जारी इन क्वार्टरों में कर्मियों के नहीं रहने के कारण हेरहंज व बारियातू वन क्षेत्र में लगातार अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है. यहां पेड़ों की अवैध कटाई भी जारी है. इन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए वनरक्षकों को स्थायी निवास प्रदान करना था. स्थानीय लोगों के अनुसार यदि इन क्वार्टरों का सही उपयोग होता, तो वन क्षेत्र में अवैध कटाई, अतिक्रमण व पोस्ते की खेती पर रोक लग सकती थी. विभागीय लापरवाही के कारण सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है. एक ओर सरकार पेड़ लगाने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित कर रही है, वहीं दूसरी ओर हेरहंज में वन कर्मियों की लापरवाही के कारण पेड़ों की कटाई जारी है. क्या कहते हैं वनपाल: प्रभारी वनपाल शिवशंकर शर्मा ने कहा कि विभाग की ओर से वनरक्षी के रहने के लिए सुविधायुक्त क्वार्टर बनाया गया है, लेकिन यहां तैनात तीनों कर्मी नहीं रहते. इससे विभाग को नुकसान हो रहा है. उच्चाधिकारी को मामले की जानकारी दी जायेगी.

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