ग्रामसभा में कुजरूम गांव से नहीं हटने का निर्णय
गारू प्रखंड के कुजरूम व लाटू गांव के विस्थापन को लेकर गुरुवार को ग्रामसभा हुई. अध्यक्षता ग्राम प्रधान उपेंद्र उरांव व वार्ड सदस्य ने संयुक्त रूप से की.
लातेहार. गारू प्रखंड के कुजरूम व लाटू गांव के विस्थापन को लेकर गुरुवार को ग्रामसभा हुई. अध्यक्षता ग्राम प्रधान उपेंद्र उरांव व वार्ड सदस्य ने संयुक्त रूप से की. मौके पर ग्रामीणों ने कहा कि वन विभाग हमेशा से वन क्षेत्र में रहने वाले गरीबों का शोषण करते आ रहा है. वन विभाग विस्थापन के नाम पर मोटी रकम कमाने के चक्कर में है. ग्रामसभा में प्रत्येक परिवार को पांच एकड़ जोत कोड़ करने लायक जमीन देने, 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के युवकों को 10 लाख रुपया देने, प्रत्येक परिवार की जमीन लातेहार रजिस्ट्री ऑफिस में ग्रामीणों के नाम से करने तथा ऑनलाइन रसीद देने की मांग की गयी. कहा गया कि वन विभाग द्वारा सरयू के पाइला पत्थर और पलामू जिला के पोलपोल में जमीन उपलब्ध कराकर पुनर्वास कराने की बात कही जा रही है, जो गलत है. ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि पलामू के पोलपोल गांव में पुनर्वास नहीं करेंगे. वन विभाग ने यूनियन बैंक में ग्रामीणों का खाता खुलवा कर 15 लाख रुपया देने की बात कही है, पर ग्रामीणों के यूनियन बैंक से संबंधित खाता का कोई पासबुक या रुपया होने की जानकारी अब तक नहीं दी गयी है. ग्रामीणों ने कुजरूम गांव से नहीं हटने का निर्णय लिया है. इस अवसर पर सुरेंद्र उरांव, फूलचंद उरांव, संजय कुमार उरांव, महेंद्र उरांव, दिलीप उरांव, एनिमा देवी, प्रमिला देवी, मोहर मनिया देवी, अनीता देवी समेत काफी संख्या मे ग्रामीण उपस्थित थे.
पत्रकारों को रोका गया
कुजरूप गांव में आयोजित ग्रामसभा में समाचार संकलन करने जा रहे पत्रकारों को वन विभाग ने बरेसाढ़ के सांभर एंक्लोजर चेकनाका के पास रोक दिया. वन विभाग में कार्यरत वनरक्षी चंदन कुमार से कुजरूम गांव नहीं जाने देने पर पूछा गया तो उनके द्वारा बताया गया कि डीएफओ का आदेश है कि किसी बाहरी लोगों को कुजरूम गांव में नहीं जाने देना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है