Jharkhand news, Latehar news : महुआडांड़ (वसीम अख्तर) : लातेहार जिला अंतर्गत महुआडांड़ प्रखंड स्थित दुरूप पंचायत के बरदौनी कला, बरदौनी खुर्द, लुरगुमी, साले, डीमकीटाड़, पाकरडीह, मौनाडीह समेत कई गांव के ग्रामीण चिकित्सकों के नहीं रहने से काफी परेशान हैं. दुरूप, चैनपुर और नेतरहाट पंचायत के 2 दर्जन से अधिक गांव की लगभग 10 हजार आबादी की स्वास्थ्य व्यवस्था मात्र 5 एएनएम के भरोसे निर्भर है. क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर भी नहीं आते हैं. स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाल स्थिति से परेशान क्षेत्र के ग्रामीणों ने डीसी अबु इमरान को पत्र लिख कर इस समस्या से निजात दिलाने का निर्णय लिया है.
लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बरदौनी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ग्रामीणों ने बैठक कर इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा किया. ग्रामीणों के मुताबिक, स्वास्थ्य केंद्र में विभाग द्वारा 5 एएनएम और एक गार्ड को रखा गया है, लेकिन एक भी डॉक्टर की पदस्थापना नहीं है. दुरूप, चैनपुर और नेतरहाट पंचायत के 2 दर्जन से अधिक गांव की लगभग 10 हजार आबादी की स्वास्थ्य व्यवस्था इन्हीं 5 एएनएम के भरोसे है.
बरदौनी कला गांव में साढ़े तीन करोड़ की लागत से 40 बेड की क्षमता वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण वर्ष 2019 में किया गया. भवन बनने के बाद विभाग द्वारा आज तक किसी चिकित्सक की पदस्थापना नहीं की गयी है. वहीं, जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी किसी चिकित्सक का प्रतिनियोजन भी नहीं किया गया है. स्वास्थ्य केंद्र में एक्सरे रूम, बेबी वाश रूम, चिकित्सक रूम, एएनएम रूम, स्टोर, आंगन, कॉरिडोर, शौचालय और बेड के लिए कमरा की व्यवस्था है, लेकिन अभी तक कोई संसाधन उपलब्ध नहीं कराये गये हैं. तीनों पंचायत के 10 हजार की आबादी को झोला छाप डाॅक्टर से इलाज कराने को मजबूर होना पड़ता है या फिर उन्हें 15 किलोमीटर की दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आना पड़ता है.
Also Read: मवेशियों से भरा ट्रक जब्त, औरंगाबाद से बंगाल भेजे जा रहे थे गोवंश
वार्ड सदस्य सोफिया तिर्की, ग्रामीण अगुस्टिन तिर्की, अल्बर्ट टोप्पो, मुस्तफा अंसारी, सत्य नारायण प्रसाद, जगरनाथ नायक, राजेश मुंडा, सुलेमान एक्का, बितुन मुंडा, गुप्तेश्वर सिंह एवं सुलेमान एक्का का कहना है कि स्वास्थ्य सेवा का लाभ नहीं मिल रहा है. एक साल से भवन बनकर तैयार है, लेकिन डॉक्टर के नहीं रहने से लोगों को काफी परेशनी उठानी पड़ रही है. लाखों रुपये की लागत से भवन बना कर छोड़ दिया गया है, जो बर्बाद हो जायेगा. स्वास्थ्य केंद्र एएनएम द्वारा संचालित किया जाता है. एएनएम सिर्फ टीकाकरण करने ही गांव आती है, क्योकि इनके पास किसी बीमारी की कोई दवा नहीं रहती है.
इस संबंध में सिविल सर्जन डाॅ संतोष कुमार श्रीवास्तव कहते है कि जिले में चिकित्सकों की कमी है. चिकित्सक की कमी को लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा गया है. ग्रामीणों की सुविधा को ध्यान में रखकर कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने का प्रयास कराया जायेगा.
Posted By : Samir Ranjan.