चंदवा: लातेहार जिले के बारियातू थाना क्षेत्र में इन दिनों कोयले का अवैध धंधा जोरों पर है. आये दिन अवैध कोयले की खेप कई ईंट भट्ठा व दूसरे राज्य में ट्रकों द्वारा भेजने की सूचना मिल रही है. ज्ञात हो कि सीसीएल के चमातू, कुंडी, मगध कोलयरी से हाइवा द्वारा कोयला फुलबसिया रेलवे साइडिंग भेजा जाता है. सूत्रों की मानें, तो इन हाइवा चालकों व माल प्राप्त करने वाले कर्मियों को बड़ी चालाकी से सेटिंग कर कोयला अन्यत्र स्थान पर गिराने की सेटिंग की जाती है. इसके अलावा भी पिकअप वैन से अवैध कोयला लाया जाता है.
यह अवैध डंप अक्सर वन विभाग के जंगली एरिया में किया जा रहा है. अवैध कोयला कारोबारियों द्वारा देर रात जेसीबी मशीन द्वारा बारह-चौदह चक्का में लोडकर अन्यत्र भेज दिया जाता है. बारियातू प्रखंड के बारिखाप गांव स्थित मुख्य सड़क के किनारे, बनवार-पकरूवा मुख्य सड़क स्थित हनुमान चौकी से करीब सौ मीटर की दुर जंगल में व बठेठ गांव अंतर्गत जंगली क्षेत्र में पिछले दिनों बड़ी मात्रा में कोयले का अवैध भंडारण के निशान स्पष्ट देखे जा सकते है. यह धंधा पिछले कई दिनों से जारी है.
Also Read: लातेहार में सड़क निर्माण में बरती जा रही अनियमितता, मिट्टी युक्त बालू का हो रहा धड़ल्ले से इस्तेमाल
सूत्रों ने बताया कि कोयला माफियाओं द्वारा भंडारण का स्थान हर बार बदला जाता है, ताकि पुलिस व अन्य लोगों को इसकी जानकारी नहीं मिले. पूरा मामला गहन जांच का विषय है. बनवार-पकुरवा के बीच जंगल में भंडारण कर उठाव किये गये स्थल को देखने से यह प्रतीत होता है कि पिछले कई दिनों से यहां कोयला भंडारण कर अवैध धंधा चल रहा था. इस अवैध कार्य से प्रतिदिन लाखों रुपये सरकारी राजस्व की क्षति हो रही है.
क्या कहते है अधिकारी
इस संबंध में बालूमाथ के प्रभारी एसडीपीओ दिलू लोहरा ने कहा कि मैं यहां प्रभार में हूं. बारिखाप में कोयला होने जानकारी मैंने थाना प्रभारी को दी थी. कहा कि सटीक सूचना मिले तो हर हाल में कार्रवाई होगी. उन्होंने आम लोगों से ऐसी सूचना मिलने पर जानकरी देने की बात कही.
वहीं, इस संबंध में प्रभारी वन क्षेत्र पदाधिकारी नंद कुमार मेहता ने कहा कि मामले की जानकारी मुझे नहीं है. जांच कर संलिप्त लोगों पर कार्रवाई की जायेगी.