लातेहार. जिले में अवैध रूप से बालू का कारोबार करनेवाले लोग अभी से ही अपने-अपने चिन्हित स्थानों पर बालू का अवैध भंडारण करने लगे हैं, क्योंकि जिले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश पर मानसून को लेकर 10 जून से 15 अक्तूबर तक नदियों से बालू उठाव पर रोक लगा दिया जाता है. ऐसे में अवैध बालू कारोबारी अभी से ही सक्रिय है. जिले में 77 बालू घाट हैं, जहां से उठाव का निर्देश प्राप्त है. वहीं कई क्षेत्रों में बालू उठाव के लिए बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं की गयी है. बावजूद इसके वैसे क्षेत्रों के नदियों से बालू का उठाव लगातार कर बालू का भंडारण किया जा रहा है. जिला मुख्यालय के राजहार, बानपुर, विशुनपुर सहित कई इलाकों में कई स्थानों पर बालू का अवैध भंडारण देखा जा सकता है. वहीं खनन विभाग द्वारा नदी पर बने किसी भी पुल के पांच सौ मीटर की परिधि में बालू का उठाव नहीं करना है. ऐसा करते पकड़े जाने पर संबंधित व्यक्ति व वाहन पर कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान है, लेकिन जिला मुख्यालय से होकर बहने वाली औरंगा नदी पर बने कई पुल के पास से ही बालू का उठाव किया जाता रहा है. हालांकि खनन विभाग द्वारा समय समय पर छापामारी अभियान चला कर अवैध रूप से बालू का परिवहन और उत्खनन करने के मामले में कई लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए कई ट्रैक्टर भी जब्त किया गये हैं. क्या है एनजीटी : एनजीटी की स्थापना 18 अक्तूबर 2010 को एनजीटी अधिनियम, 2010 के तहत पर्यावरण संरक्षण, वन संरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों सहित पर्यावरण संरक्षण के लिए किया गया है. प्रत्येक वर्ष 10 जून से 15 अक्तूबर तक नदियों से बालू उठाव पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया गया है. क्या कहते हैं अधिकारी : इस संबंध में जिला खनन पदाधिकारी नदीम शफी ने कहा कि अवैध रूप से बालू का उत्खनन, परिवहन और भंडारण करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि एनजीटी की रोक के बाद अवैध रूप से बालू का कारोबार करनेवालों को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
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