लातेहार. नेतरहाट आज पूरे देश में एक पर्यटन स्थल के रूप में अपनी पहचान बना चुका है, बावजूद इसके यहां पर्यटन के क्षेत्र में और भी संभावनाएं हैं. नेतरहाट के आसपास कई ऐसे क्षेत्र हैं जिसे पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित नहीं किया जा सका है. उक्त बातें उप विकास आयुक्त सुरजीत कुमार सिंह ने कही. वे शुक्रवार को विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर टूरिज्म एंड पीस थीम पर आयोजित ऑनलाइन कार्यशाला में बोल रहे थे. डीडीसी ने कहा कि नेतरहाट में पेइंग गेस्ट परिपाटी को विकसित करने की जरूरत है. पर्यटक यहां सिर्फ सनसेट या सनराइज देखने नहीं आते है, बल्कि वे स्थानीय लोगों की जीवन शैली, खान-पान व रहन सहन भी जानना चाहते हैं. जिला पर्यटन संवर्द्धन समिति की बैठक में मां उग्रतारा मंदिर, डाटम पातम झरना व लोध फाॅल को विकसित करने का निर्णय लिया गया है. डीएमएफटी से सभी पर्यटन स्थलों पर स्ट्रीट लाइट लगायी गयी है. लोध फॉल में लकड़ी के कॉटेज का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया है. होटल बनाने के लिए स्थल चयन का निर्देश महुआडांड़ सीओ को दिया गया है. ऑनलाइन कार्यशाला में एसपी कुमार गौरव, कार्यकारी एजेंसी के प्रतिनिधि अभिजीत, टूरिज्म रिसोर्स पर्सन गोविंद पाठक, स्वर संगम के निदेशक आशीष टैगोर, संजीत कुमार, होटल संचालक जीत ठाकुर, शुभम दुबे, आशुतोष कुमार, कुमार गौरव, हेमंत, विनय और सोनू दीप राय शामिल हुए.
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