गारू. झारखंड सरकार गारू प्रखंड के वन ग्राम कुजरूम गांव के 56 आदिवासी परिवारों के पुनर्वास के लिए कार्य कर रही है. सरकार ने ग्रामीणों को दो विकल्प दिये गये हैं. इसमें वे कहीं और बेहतर जीवन के लिए पुनर्वास कर सकते है. यह योजना राज्य सरकार द्वारा आदिवासी समुदाय के जीवन स्तर को सुधारने और उनके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है. इस योजना को लेकर वन विभाग बारेसाढ़ के रेंजर तरुण कुमार सिंह, गारू पूर्वी के रेंजर उमेश कुमार दुबे सहित अन्य लोगों ने कुजरूम के ग्रामीणों के साथ बैठक की. बैठक में वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों को पुनर्वास योजना की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पहले विकल्प में प्रत्येक परिवार को 15 लाख रुपये की सहायता राशि और अपनी पसंद के किसी भी स्थान पर जमीन खरीदकर नया घर बना सकते हैं. दूसरा विकल्प यह है कि वन विभाग उन्हें दो हेक्टेयर जमीन देगा. साथ ही वहां आवास, बिजली, पानी और सड़क की सभी बुनियादी सुविधा मुहैया करायी जायेगी. ज्ञात हो कि कुजरूम गांव गारू प्रखंड मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर जंगल के बीच स्थित है यह गांव आज भी बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. सरकार ने वन विभाग से मिल कर पुनर्वास का निर्णय लिया है. अधिकारियों का मानना है कि वन ग्राम की दुर्गम स्थिति के कारण सरकार चाहकर भी वहां आवश्यक सुविधाएं नहीं पहुंचा पा रही है, इसलिए कुजरूम गांव के ग्रामीणों को पुनर्वासित करना ही एकमात्र विकल्प है. फिलवक्त इस योजना के तहत प्रथम चरण में 23 परिवारों को पोलपोल गांव में पुनर्वासित किया जा चुका है. शेष 33 परिवारों के पुनर्वास की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है. इस संबंध में दक्षिण वन प्रमंडल के डीएफओ कुमार आशीष ने बताया कि सरकार की यह योजना आदिवासी समुदाय के लिए एक बड़ा अवसर है. उनका कहना है कि वर्षों से वे मूलभूत सुविधाओं की कमी से परेशान थे, लेकिन अब सरकार की इस पहल से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आयेगा और उनके बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होगा.
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