भ्रष्टाचार उजागर करनेवालों पर प्राथमिकी दर्ज करना गलत : नरेगा वाच
प्रखंड में अबुआ आवास योजना में भ्रष्टाचार उजागर करनेवाले सामाजिक कार्यकर्ताओं व ग्रामीणों पर प्रखंड प्रशासन द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के मामले को भोजन का अधिकार अभियान और नरेगा वाच ने गलत ठहराया है
महुआडांड़. प्रखंड में अबुआ आवास योजना में भ्रष्टाचार उजागर करनेवाले सामाजिक कार्यकर्ताओं व ग्रामीणों पर प्रखंड प्रशासन द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के मामले को भोजन का अधिकार अभियान और नरेगा वाच ने गलत ठहराया है. इसे लेकर उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप कर प्राथमिकी वापस लेने की मांग गयी है. ज्ञापन में प्रो ज्यां द्रेज, जेम्स हेरेंज, अपूर्वा गुप्ता व अशर्फी नंद प्रसाद ने हस्ताक्षर हैं. ज्ञापन में कहा गया है कि नरेगा सहायता केंद्र महुआडांड़ की अफसाना खातून व प्रशांता किंडो, जल सहिया कुंती देवी, महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य सरस्वती देवी, वार्ड सदस्य डोलोरोसा मिंज, अनूप कुमार, रीना देवी व उप मुखिया चंद्रमणि देवी ने आरटीआइ से प्राप्त अबुआ आवास योजना के लाभुकों की सूची का 22 से 24 मई तक घर-घर जाकर सत्यापन किया था. इसमें भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत पाये गये थे. मुख्यतः अयोग्य व पक्के घर में रहने वाले संपन्न लोगों के लिए आवास योजना स्वीकृत की गयी थी. 26 मई को महुआडांड़ में ग्राम प्रधान विकास उरांव की अध्यक्षता में ग्रामसभा हुई थी. ग्रामसभा में गलत तरीके से चुने गये लाभार्थियों के आवास रद्द करने, अनियमितता की प्रशासनिक जांच करने और दोषियों के विरुद्ध न्यायसंगत कार्रवाई करने का प्रस्ताव पारित करने की मांग की गयी. इस प्रस्ताव के आधार पर 29 मई को ग्राम प्रधान द्वारा बीडीओ को शिकायत दी गयी, लेकिन इस धोखाधड़ी की जांच करने के बजाय बीडीओ ने सर्वेक्षण टीम व ग्राम प्रधान के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया और चार जून को उनके खिलाफ एक झूठी प्राथमिकी (केस सं 28/2024, दिनांक 04/06/2024 थाना महुआडांड़) दर्ज करा दी. भोजन का अधिकार अभियान व नरेगा वाच ने लातेहार के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक से अविलंब फर्जी प्राथमिकी को रद्द कर टीम के सभी सदस्यों को इस मामले से पूर्णत: बरी करने तथा दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.
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