लातेहार. अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शशि भूषण शर्मा की अदालत ने जेट्रोफा प्लांटेशन घोटाला में धनबाद की एनजीओ (झारखंड विकास मोर्चा) के अध्यक्ष राकेश तिवारी व तत्कालीन मनिका बीडीओ साधना जयपुरियार को सरकारी राशि के गबन का दोषी पाया है. श्री शर्मा की अदालत ने विचाराधीन जीआर केस संख्या 615/10 (मनिका थाना कांड संख्या 75/10) की सुनवाई करते हुए उपरोक्त दोनों आरोपियों के विरुद्ध दोष सही पाया. श्री शर्मा की अदालत ने दोनों आरोपियों को भादवि की धारा 409/120 बी के तहत तीन-तीन वर्ष के कठोर कारावास और ढ़ाई-ढ़ाई लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनायी है. वहीं जुर्माना नहीं देने की स्थिति में नौ माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा मुकर्रम किया है. मालूम हो वर्ष 2010 में तत्कालीन उपायुक्त राहुल पुरवार द्वारा मनिका में 500 एकड़ भूमि पर जेट्रोफा प्लांटेशन में घोटाला पकड़ा गया था. श्री पुरवार के आदेश पर तत्कालीन उप विकास आयुक्त सीपी बाखला ने मनिका थाना में मामला कराया था. अभियोजन पदाधिकारी अशोक कुमार दास ने काफी खोजबीन के उपरांत सूचक श्री बाखला सहित तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी राजेश कुमार पाठक, तत्कालीन बीडीओ प्रताप टोप्पो, कैलाश साहू व तत्कालीन जिला कृषि पदाधिकारी उमेश प्रसाद की गवाही अदालत में दर्ज करायी थी. अपनी गवाही में सरकारी अधिकारियों ने बताया था कि मनिका में अति महत्वाकांक्षी जेट्रोफा प्लांटेशन योजना में भारी गड़बड़ी की गयी थी. मनरेगा के निर्धारित मापदंड के विरुद्ध बगैर कार्य कराये ही लाखों रुपये की निकासी कर ली गयी थी. अभियोजन पक्ष ने कई दस्तावेजी साक्ष्य सहित कई कार्यालय अभिलेखों को अदालत में पेश किया है.
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