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Manika Vidhan Sabha|Jharkhand Elections 2024|लातेहार, चंद्रप्रकाश सिंह : लातेहार जिला अंतर्गत मनिका विधानसभा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति काफी अलग है. जंगल व पहाड़ों से घिरे मनिका विधानसभा क्षेत्र की सीमा लोहरदगा और पलामू लोकसभा क्षेत्र तक फैली हुई है. इस सीट पर अब तक छह बार भाजपा को जीत मिली है. जबकि, पिछले चुनाव में 52 वर्ष बाद कांग्रेस इस सीट को जीतने में सफल रही.
झारखंड के इस विधानसभा क्षेत्र में कुल वोटर 258453 व मतदान केंद्रों संख्या 321 है. मनिका विधानसभा क्षेत्र में एक अनुमंडल महुआडांड़ व पांच प्रखंड (मनिका, गारू, सरयू, बरवाडीह व महुआडांड़) हैं. दो दशक से अधिक समय तक इस क्षेत्र में नक्सलियों का प्रभाव रहा है. नक्सलवाद के कारण काफी लंबे समय तक इस क्षेत्र का विकास बाधित रहा है.
हालांकि, पिछले 10 वर्षों में इस क्षेत्र में बहुत सारी योजनाएं पूरी हुईं. इनमें सड़क व पुल-पुलिया की योजनाएं शामिल हैं. लातेहार जिले का मनिका विधानसभा क्षेत्र का अधिकांश इलाका पीटीआर में आता है. इस कारण भी कई योजनाओं पर वन विभाग की रोक है. रोजगार, सिंचाई व शिक्षा मनिका विधानसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है. उच्च शिक्षा के नाम पर बरवाडीह प्रखंड मुख्यालय में इंटर कॉलेज है, लेकिन डिग्री महाविद्यालय नहीं है. मनिका प्रखंड में डिग्री महाविद्यालय संचालित है, लेकिन शिक्षकों की कमी है.
1972 में अलग विधानसभा क्षेत्र बना मनिका
वर्ष 1972 में मनिका विधानसभा क्षेत्र का गठन हुआ था. 1972 में झमन सिंह कांग्रेस से विधायक बने थे. वहीं, यमुना सिंह 1977, 1980, 1985 व 1990 तक लगातार चार बार विधायक रहे. 1995 में राजद के रामचंद्र सिंह ने उन्हें हरा दिया. वहीं, वर्ष 2000 में यमुना सिंह ने भाजपा से लड़ कर रामचंद्र सिंह को हरा दिया.
फिर 2005 के चुनाव में राजद से रामचंद्र सिंह ने भाजपा के यमुना सिंह को हरा कर इस सीट पर कब्जा कर लिया. वर्ष 2009 के चुनाव में भाजपा ने पांच बार विधायक रहे यमुना सिंह का टिकट काट कर नया चेहरा पर दांव खेला. हरिकृष्ण सिंह को टिकट दिया. उन्होंने वर्ष 2009 के बाद 2014 तक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. वर्ष 2019 में कांग्रेस के रामचंद्र सिंह यहां से विधायक चुने गये. वर्ष 2019 में मनिका विधानसभा सीट पर 52 साल बाद कांग्रेस ने अपना परचम लहराया था.
क्षेत्र का चहुंमुखी विकास हुआ है : रामचंद्र सिंह
मनिका विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव प्रयास किये गये हैं. चहुंमुखी विकास हो रहा है. इसी का परिणाम है कि विधानसभा क्षेत्र के सभी प्रखंडों में सड़क, बिजली, पेयजल व स्वास्थ्य के लिए कई योजनाएं पूरी की गयी हैं. पुरानी व जर्जर सड़कों को दुरुस्त किया जा रहा है. लोगों की आवश्यकता के अनुसार, उनकी जरूरतें पूरी करने के लिए काम किया जा रहा है. इस क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, ताकि लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सके.
विकास से कोसों दूर रहा क्षेत्र : रघुपाल सिंह
वर्ष 2019 में भाजपा के टिकट से चुनाव लड़नेवाले रघुपाल सिंह दूसरे स्थान पर रहे. वर्तमान में श्री सिंह ने राजद का दामन थाम लिया है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में विकास के नाम पर कोई काम नहीं हुआ है. क्षेत्र आज भी विकास से कोसों दूर है. उन्होंने कहा कि सिंचाई की व्यवस्था नहीं होने से किसान खेती नहीं कर पाते हैं. मंडल, बरवैया समेत कई सड़कों की स्थिति जर्जर है.
मनिका विधानसभा के मुद्दे
मनिका विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह कृषि प्रधान है. गांव में लोग आज भी खेती-बारी कर अपना जीवन यापन करते हैं. लेकिन, इस क्षेत्र में सिंचाई की अब तक उचित व्यवस्था नहीं हो सकी है. रोजगार के अभाव में क्षेत्र से हर साल हजारों लोग पलायन करते हैं. मंडल डैम (बिजली उत्पादन के अलावा खेतों की सिंचाई की व्यवस्था करने की योजना 1973 में शुरू हुई थी) आज तक अधूरी है. वहीं, छिपादोहर को अलग प्रखंड व बरवाडीह को अनुमंडल बनाने की मांग लगातार की जा रही है.
मनिका विधानसभा चुनाव 2019 के परिणाम
उम्मीदवार का नाम | पार्टी का नाम | प्राप्त मत |
रामचंद्र सिंह | कांग्रेस | 74000 |
रघुपाल सिंह | भाजपा | 57560 |
मनिका विधानसभा चुनाव 2014 के परिणाम
उम्मीदवार का नाम | पार्टी का नाम | प्राप्त मत |
हरिकृष्ण सिंह | भाजपा | 31538 |
रामचंद्र सिंह | राजद | 30500 |
मनिका विधानसभा चुनाव 2009 के परिणाम
उम्मीदवार का नाम | पार्टी का नाम | प्राप्त मत |
हरिकृष्ण सिंह | भाजपा | 18645 |
रामेश्वर उरांव | कांग्रेस | 16876 |
लोकसभा चुनाव 2024 में किसे मिले सर्वाधिक मत
उम्मीदवार का नाम | पार्टी का नाम | प्राप्त मत |
केएन त्रिपाठी | कांग्रेस | 72045 |
काली चरण सिंह | भाजपा | 70459 |
रोजगार और पेयजल मुख्य मुद्दा : एक्सपर्ट
अधिवक्ता लाल अरविंद नाथ शाहदेव कहते हैं कि मनिका विधानसभा चुनाव में इस बार रोजगार और पेयजल की समस्या मुख्य मुद्दा रहेगा. पूरे विधानसभा की भौगोलिक बनावट काफी अलग है. रोजगार का काफी अभाव रहा है. रोजगार के लिए लोग पलायन करते हैं. वहीं, पेयजल की समस्या इस क्षेत्र में काफी है. लगभग सभी प्रखंडों में पेयजल के लिए लोग परेशान रहते हैं. मंडल डैम इसी विधानसभा क्षेत्र में आता है, लेकिन योजना पूरी नहीं होने से पेयजल के साथ-साथ सिंचाई की समस्या भी बिकराल है. पीटीआर के चलते कई गांवों तक सड़क और अन्य सरकारी योजना नहीं पहुंच सकी है.
मनिका विधानसभा के अब तक के विधायक
चुनाव का वर्ष | निर्वाचित विधायक का नाम | पार्टी का नाम |
1972 | झमन सिंह | कांग्रेस |
1977 | यमुना सिंह | जनता पार्टी |
1980 | यमुना सिंह | भाजपा |
1985 | यमुना सिंह | भाजपा |
1990 | यमुना सिंह | भाजपा |
1995 | रामचंद्र सिंह | राजद |
2000 | यमुना सिंह | भाजपा |
2005 | रामचंद्र सिंह | राजद |
2009 | हरिकृष्ण सिंह | भाजपा |
2014 | हरिकृष्ण सिंह | भाजपा |
2019 | रामचंद्र सिंह | कांग्रेस |
क्या कहते हैं मनिका विधानसभा क्षेत्र के वोटर
इस क्षेत्र के लोग कृषि पर निर्भर हैं. सिंचाई के क्षेत्र में काम होने से लोगों को काफी लाभ होगा. क्योंकि, महुआडांड़ में खेती की काफी संभावनाएं हैं.
संतोष यादव, समाजसेवी
रोजगार की दिशा में कोई पहल नहीं हुआ है. रोजगार के लिए काम होने पर यह इलाका संपन्न हो सकता है. इसके लिए क्षेत्र में पर्यटन समेत काफी अवसर है.
शेखर कुमार, छात्र
शिक्षा के क्षेत्र में अधिक काम करने की जरूरत है. यह इलाका शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा रहा है. बेतला में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का भवन तैयार है. पर पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है.
सूरज उरांव, छात्र
इस क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने की दिशा में काम करने की जरूरत है. रोजगार मिलने से यहां के लोग पलायन नहीं करेंगे.
अनिल टोप्पो, किसान
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