चंद्रप्रकाश, लातेहार : झारखंड सरकार की सरेंडर पॉलिसी और पुलिस की नक्सलवाद के खिलाफ लगातार चल रही अभियान की वजह से दो नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है. लातेहार में माओवादियों के दो जोनल कमांडर नीरज सिंह उर्फ संजय खेरवार और सलमान उर्फ लोकेश गंझू ने वरीय पुलिस अधिकारियों के सामने सरेंडर कर दिया. इन दोनों माओवादियों के ऊपर 10-10 लाख का इनाम था. इस मौके पर पलामू डीआईजी, एसपी और डीसी मौजूद थे.
दोनों माओवादी लंबे समय से संगठन में थे सक्रिय
जानकारी के मुताबिक दोनों माओवादी लंबे समय से प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन में सक्रिय थे और कई नक्सली घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं. जोनल कमांडर राजकुमार गंझू उर्फ लोकेश जहां साल 2002 में इस संगठन में शामिल हुआ तो नीरज सिंह खरवार वर्ष 2004 में संगठन में शामिल हुए थे. दोनों के खिलाफ लातेहार, पलामू और लोहरदगा में 29 मामले दर्ज हैं. लेकिन नक्सलियों के खिलाफ लगातार चल रहे अभियान की वजह से शुक्रवार को इन्होंने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया.
कई बड़ी घटनाओं को दे चुके हैं अंजाम
पुलिस से मिली सूचना के मुताबिक राजकुमार गंझू साल 2002 में माओवादियों के बढ़ते दबाव और धमकी की वजह से संगठन में शामिल हुआ. इसके बाद वह नक्सली दिनेश यादव और परमानंद के साथ मिलकर लातेहार में संगठन को मजबूत करने लगा. इस दौरान वह साल 2016 में छोटू खेरवार के संपर्क में आया और उसके साथ मिलकर कई बड़ी घटनाओं का अंजाम दिया. वहीं, माओवादी नीरज सिंह को पलामू में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी मिली थी. साल 2013 में उनके काम की वजह से माओवादियों का जोनल कमांडर बनाया गया. साल 2015 से वह बूढ़ा पहाड़ में सक्रिय था. इसके बाद उसने माओवादी के टॉप लीडर निशांत जी और सुधाकरण के साथ काम किया. नीरज ने साल 2018 में झारखंड जगुआर पर हुए हमला का प्रमुख था.
लातेहार एसपी ने की नक्सलियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील
एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान की वजह से अब लातेहार जिला नक्सल मुक्त होने की राह पर हैं. जिले में कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां नक्सलियों का प्रभाव है. उन्होंने अन्य नक्सलियों से भी मुख्य धारा में लौटने की अपील की है. उन्होंने बताया कि नीरज पर जिले के विभिन्न थाना मे 24 तथा सलमान पर 5 अपराधिक मामले दर्ज हैं.