JSSC CGL Exam: पहली पाली की परीक्षा में बांट दिया दूसरी पाली का प्रश्नपत्र, परीक्षार्थियों में आक्रोश
JSSC CGL Exam: लातेहार जिले में जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा में प्रथम पाली की परीक्षा में द्वितीय पाली का प्रश्नपत्र वितरित कर दिया गया. बाद में ह्वाइटनर का इस्तेमाल कर परीक्षा देने का निर्देश दिया गया. इससे परीक्षार्थियों में आक्रोश है. उन्होंने कहा कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. इसकी जांच होनी चाहिए.
JSSC CGL Exam: लातेहार, चंद्रप्रकाश सिंह-लातेहार जिले के कुल 18 परीक्षा केंद्रों पर जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा शनिवार को हुई. इनमें एक परीक्षा केंद्र राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान (स्थल कोड 606) पर परीक्षार्थियों को केंद्रीधीक्षक और वीक्षण कार्य कर रहे शिक्षकों ने प्रथम पाली की परीक्षा में द्वितीय पाली का प्रश्नपत्र वितरित कर दिया. इस कारण परीक्षार्थियों के समक्ष अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गयी. ओएमआर शीट भरने के बाद उन्हें ह्वाइटनर लगाकर परीक्षा देने का निर्देश दिया गया. परीक्षार्थियों ने कहा कि इस परीक्षा में ह्वाइटनर का प्रयोग या ओवर राइटिंग वर्जित है. उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. इसकी जांच होनी चाहिए.
कैसे हुई गड़बड़ी
परीक्षार्थियों ने प्रश्नपत्र मिलने के बाद ओएमआर शीट भरना शुरू कर दिया. कुछ देर बाद केंद्राधीक्षक और वीक्षकों को पता चला कि सभी परीक्षार्थियों को पहली पाली की जगह दूसरी पाली का प्रश्नपत्र दे दिया गया है. आनन-फानन में केंद्राधीक्षक और वीक्षकों ने सभी परीक्षार्थियों को ह्वाइटनर का इस्तेमाल करने को कहा. इस पर परीक्षार्थियों ने कहा कि जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा में ह्वाइटनर का प्रयोग या ओएमआर शीट में किसी प्रकार की छेड़छाड़ उचित नहीं है. इससे तो वे डिसक्वालिफाई हो जाएंगे. इस पर सभी परीक्षार्थियों को केंद्राधीक्षक और वीक्षकों ने कहा कि ऐसा करने के लिए आदेश मिला है.
परीक्षार्थियों ने लगाया गंभीर आरोप
परीक्षा देकर निकलने के बाद पारूल कुमारी समेत अन्य परीक्षार्थियों ने बताया कि राजकीय पॉलिटेक्निक परीक्षा केंद्र में उनका सेंटर था. उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. प्रथम पाली की परीक्षा में दूसरी पाली का प्रश्नपत्र दे दिया गया है. ओएमआर शीट भरने के बाद केंद्राधीक्षक और वीक्षण कार्य कर रहे शिक्षकों ने ह्वाइटनर लगाने को कहा, जबकि ह्वाइटनर या ओवर राइटिंग इस तरह की परीक्षा में मान्य नहीं है. ऐसा करने से इनकार करने पर उन्हें समझाया गया कि ऊपर से आदेश मिला है. आप सभी ऐसा ही करें. इसलिए इस मामले की जांच होनी चाहिए और संबंधित केंद्र के केंद्राधीक्षक और वीक्षण कार्य कर रहे शिक्षकों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
क्या कहते हैं केंद्राधीक्षक और वरीय पदाधिकारी
इस संबंध में बात करने पर केंद्राधीक्षक राजू हांसदा ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है. परीक्षा के वरीय पदाधिकारी सह एसी रामा रविदास ने कहा कि किसी परीक्षा केंद्र से इस तरह की सूचना नहीं मिली है.
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