लातेहार. शारदीय नवरात्र के पहले दिन गुरुवार को श्रद्धालुओं ने कलश स्थापना कर पूजा-अर्चना शुरू दी. पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा हुई. श्री वैष्णव दुर्गा मंदिर में पुजारी त्रिभुवन पांडेय के सानिध्य में पूजा शुरू की गयी. अनुष्ठान में मुख्य यजमान संजय कुमार व सहयोगी यजमान राजेश प्रसाद अपनी पत्नी के साथ शामिल हुए. मंदिर समिति के सचिव आशीष टैगोर, सह सचिव रंजीत कुमार, रवींद्र प्रजापति व कोषाध्यक्ष राजू रंजन सिंह ने बताया कि नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गयी. आदिशक्ति के इस स्वरूप को सौम्यता, करुणा, स्नेह और धैर्य का प्रतीक माना जाता है. श्री राजा दुर्गाबाड़ी में पुजारी सूर्यदेव उपाध्याय के सानिध्य में पूजा शुरू की गयी. यहां मुख्य यजमान के रूप में भानू प्रताप सिंह, मुकेश पांडेय व हरिओम पांडेय सपत्नीक मौजूद थे. वहीं शारदीय नवरात्र के पहले दिन सार्वजनिक काली मंदिर से कलश यात्रा निकाली गयी. यहां यजमान के रूप में भोला प्रसाद मौजूद थे.
घुर्रे पूजा पंडाल में दिखेगा केदारनाथ मंदिर का प्रारूप
हेरहंज. प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा की अराधना शुरू हो गयी है. क्षेत्र में कई स्थानों पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की तैयारी जारी है. प्रखंड मुख्यालय स्थित बस स्टैंड घुर्रे परिसर में इस वर्ष दुर्गा पूजा समिति द्वारा केदारनाथ मंदिर का प्रारूप तैयार किया जा रहा है. समिति के संरक्षक संतोष यादव, अध्यक्ष श्रीधरकांत जायसवाल व सचिव मनीष जायसवाल ने बताया कि यहां वर्ष 2010 से दुर्गापूजा का आयोजन हो रहा है. इस बार दुर्गा पूजा को और भव्य व आकर्षक बनाने की योजना है. पलामू जिले के पांकी थाना क्षेत्र के शनि सिंह को पंडाल और प्रतिमा बनाने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. झारखंड के अन्य जिले के कारीगर भी पंडाल निर्माण में लगे है. पंडाल में आकर्षक विद्युत सज्जा आकर्षण का केंद्र रहेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है