कीता के ग्रामीणों ने जमीन देने से किया इनकार
पीवीयूएनएल की बनहरदी कोल परियोजना से विस्थापित हो रहे परिवारों के पुनर्वास को लेकर सासंग पंचायत के कीता गांव का चयन किया गया है.
चंदवा. पीवीयूएनएल की बनहरदी कोल परियोजना से विस्थापित हो रहे परिवारों के पुनर्वास को लेकर सासंग पंचायत के कीता गांव का चयन किया गया है. इस निर्णय के बाद कीता गांव के ग्रामीण विरोध पर उतर आये हैं. रविवार को कीता गांव स्थित राजकीय मध्य विद्यालय परिसर में इसे लेकर ग्रामीणों ने बैठक की. इसमें लोगों ने बनहरदी कोल ब्लॉक से विस्थापित परिवार के लिए पुर्नस्थापन कॉलोनी बनाने को लेकर जमीन नहीं देने की बात कही. ग्रामीणों ने कहा कि उनके पास खेती योग्य काफी कम भूमि है. इस भूमि पर खेती-बारी कर जीवकोपार्जन करते हैं. यदि यह जमीन भी विस्थापित कॉलोनी बनाने के लिए चली गयी, तो वे भूमिहीन हो जायेंगे. लोगों ने कहा कि कंपनी प्रबंधन इसके लिए कोई और जगह देखे. ज्ञात हो कि दिसम्बर माह में पुर्नस्थापन कॉलोनी निर्माण को लेकर प्रशासन की मौजूदगी में कीता गांव में ग्राम सभा हुई थी. इसमें ग्रामीणों की उपस्थिति काफी कम होने के कारण इसे रद्द कर दिया गया था. प्रशासन की ओर से जनवरी माह में दूसरी तिथि निकाल ग्रामसभा कराने की तैयारी चल रही है. ऐसे में स्थानीय ग्रामीणों का खुलकर विरोध करना कंपनी प्रबंधन व प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनी है. बैठक में अनिल उरांव, रंजीत प्रजापति, उमेश उरांव, रणजीत सिंह, कर्मदेव उरांव, रामकुमार उरांव, लीला देवी, विमला देवी, लीलो देवी, कुंवारी देवी, कलावती देवी, पूनम देवी, नंदकिशोर सिंह समेत बड़ी संख्या में महिला-पुरुष मौजूद थे.
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