लातेहार : फॉरेस्ट व ओबी के पत्थरों से हो रहा गार्डवॉल निर्माण, सीसीएल, वन व खनन विभाग मौन
डीएफओ रौशन कुमार से संपर्क किया गया. उन्होंने कहा कि वे अभी एक मीटिंग में है. वही सीसीएल मगध के जीएम नृपेंद्र नाथ ने कहा कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
बालूमाथ : लातेहार में सीसीएल द्वारा संचालित मगध कोलियरी में बन रहे करीब पांच सौ मीटर लंबे गार्डवॉल में खुलेआम फॉरेस्ट व ओबी द्वारा निकाले गये पत्थर का उपयोग हो रहा है. योजना करीब 80 लाख रुपये की है. चमातू गांव के डाढ़ीदोहर में सीसीएल मद से बनाये जा रहे गार्डवॉल निर्माण में वन विभाग के अवैध पत्थर खपाये जा रहे हैं. ग्रामीणों की मानें तो यह पत्थर खिरकिया टोंगरी, फुलबसिया व अमरवाड़ीह के वन क्षेत्र जंगल से अवैध रूप से तोड़कर निकाला जा रहा है. तड़के गार्डवॉल निर्माण स्थल पर पत्थर ट्रैक्टर की मदद से गिराये जा रहे है. उक्त निर्माण जेबियन टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली द्वारा कराया जा रहा है.
गार्डवॉल का निर्माण लीज माइंस से पत्थर लाकर कराना है, पर कंपनी द्वारा सीसीएल की मिलीभगत से वन विभाग व ओबी द्वारा निकाले गये घटिया क्वालिटी का मृत पत्थर का उपयोग किया जा रहा है. इससे निर्माण की गुणवत्ता पर निशान खड़ा हो रहा है. साथ ही जंगल व पहाड़ के आस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है. बावजूद वन व खनन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा. इस संबंध में डीएफओ रौशन कुमार से संपर्क किया गया. उन्होंने कहा कि वे अभी एक मीटिंग में है. वही सीसीएल मगध के जीएम नृपेंद्र नाथ ने कहा कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
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