पारा शिक्षकों की सेवा नियमित करने को लेकर एक सप्ताह के अंदर नियमावली तैयार करने की खबर के बाद स्थानीय एकीकृत पारा शिक्षक संघ व उससे जुड़े शिक्षकों में हर्ष का माहौल है. संघ के प्रतिनिधिमंडल से जिस प्रकार शिक्षा मंत्री का सहयोगात्मक रवैया दिख रहा है. उससे स्थानीय पारा शिक्षक हर्षित है. ज्ञात हो कि बिहार राज्य की तर्ज पर आकलन परीक्षा लेकर पारा शिक्षकों को नियोजित करने की तैयारी विभाग द्वारा की जा रही है.
प्रखंड के विभिन्न उत्क्रमित मवि, राजकीय प्रावि व अभियान विद्यालय में पारा शिक्षक कई वर्षों से कार्य कर रहे हैं. फिलवक्त प्रखंड के करीब 200 विद्यालयों में 242 पारा शिक्षक अध्ययन कार्य में लगे हैं. प्रखंड में दर्जनों विद्यालय ऐसे हैं, जो पारा शिक्षकों के भरोसे खुल रहे हैं. टेट पास पारा शिक्षकों की खुशी और भी दोगुनी है. सरकार की माने, तो उन्हें आकलन परीक्षा नहीं देनी होगी. वे सीधे नियोजित किये जा सकेंगे. बहरहाल सरकार के आश्वासन के बाद शिक्षकों व परिजनों के बीच खुशी का माहौल है.
प्रभात खबर ने इस संबंध में संघ के लोगों से बातचीत की. प्रदेश उपाध्यक्ष बेलाल अहमद ने कहा कि बुधवार को शिक्षा मंत्री व संघ के नेताओं की बीच बैठक में खुशनुमा माहौल दिखा. बिहार मॉडल देने पर सहमति बनी है. अब प्रतीत होता है कि पिछले 18 वर्षों का हमारा वनवास टूटेगा व पारा शिक्षकों के सपने पूरे होंगे. श्री अहमद ने सरकार व शिक्षा मंत्री का आभार जताया है.
प्रखंड सचिव गोविंदा कुमार ने कहा कि पारा शिक्षकों की मेहनत आखिरकार रंग लायी. 18 वर्षों से पारा शिक्षक स्थायीकरण व वेतनमान के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस बीच हमने अपने कई साथी को खोया है. परिणाम अब दिखने लगा है. चंदवा संकुल अध्यक्ष विभा देवी ने कहा कि यह हमारी एकजुटता का परिणाम है. सरकार ने चुनाव पूर्व जो वादा किया था, वह पूरा करनेवाली है.
पारा शिक्षकों के दिन बहुरने वाले है. कामता संकुल अध्यक्ष बिगन राम ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने खुद को साबित किया है. उनकी पहल पर राज्य के 65000 पारा शिक्षकों को मौका मिलेगा. हमें अपने सपनों व अरमानों को पूरा करने का इससे बेहतर समय नहीं मिलेगा. उन्होंने राज्य सरकार का आभार जताया. उनके अलावा रूद संकुल सचिव दुर्गावती कुमारी, रोल संकुल अध्यक्ष गंगेश्वर राम समेत अन्य पारा शिक्षकों ने भी राज्य सरकार के इस कदम का स्वागत किया है.