रामदेनी सिंह की पुस्तक आत्मनुभूति का लोकार्पण
लेखक मरता है, उनकी कृति नहीं मरती. वह हमेशा अमर रहती है. उक्त बातें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व चतरा के पूर्व सांसद इंदर सिंह नामधारी ने कही.
चंदवा. लेखक मरता है, उनकी कृति नहीं मरती. वह हमेशा अमर रहती है. उक्त बातें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व चतरा के पूर्व सांसद इंदर सिंह नामधारी ने कही. श्री नामधारी रविवार को होटल मयूर इंटरनेशनल में सेवानिवृत्त शिक्षक रामदेनी सिंह द्वारा रचित पुस्तक आत्मानुभूति के लोकार्पण के मौके पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि रामदनी सिंह ने अपनी पुस्तक में भ्रष्टाचार पर चोट किया है. यह साहस भरा काम है. लेखक रामदेनी सिंह ने कहा कि ईश्वरीय प्रेरणा के बाद मैंने लेखन कार्य शुरू किया. इस पुस्तक का मुख्य केंद्र बिंदु यह है कि समाज में मनुष्य की दुर्बुद्धि, दुष्ट चिंतन, दुष्कर्म से समाज अशांति की ओर जा रहा है. दुष्ट चिंतन व दुष्कर्म के स्थान पर सद्बुद्धि, सद्भाव व सत्कर्म को अपनाने से समाज में सुख-समृद्धि व शांति की स्थापना होगी. कार्यक्रम में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त लेखक हरिवंश प्रभात, सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक जूठी प्रसाद सिंह, वरिष्ठ कांग्रेसी रामयश पाठक, शिक्षक उपेंद्र मिश्रा, राजेश चंद्र पांडेय व राजकुमार पाठक ने भी पुस्तक प्रशंसा की. इस अवसर पर जगतमणि वैद्य, सौरभ पांडेय सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.
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