कोल्ड स्टोरेज नहीं होने से सब्जी उत्पादकों को हो रहा नुकसान

लातेहार जिला का बारियातू प्रखंड कृषि प्रधान क्षेत्र है. यहां के अधिकांश लोग सालाें भर खेती करते हैं. मौसमी सब्जी का उत्पादन इनका मुख्य पेशा है. टमाटर की खेती में बारियातू प्रखंड की पूरे राज्य में अपनी अलग पहचान है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 19, 2024 10:08 PM
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बारियातू. लातेहार जिला का बारियातू प्रखंड कृषि प्रधान क्षेत्र है. यहां के अधिकांश लोग सालाें भर खेती करते हैं. मौसमी सब्जी का उत्पादन इनका मुख्य पेशा है. टमाटर की खेती में बारियातू प्रखंड की पूरे राज्य में अपनी अलग पहचान है. टमाटर के अलावे यहां हरी मिर्च, धनिया, बंधागोभी, आलू सहित अन्य मौसमी सब्जी की भी खेती बड़े पैमाने पर होती है. हालांकि बड़े पैमाने पर खेती व उपज के बाद भी किसानों की आर्थिक स्थिति में खास सुधार नहीं दिखता. इसका मुख्य कारण है उत्पादित फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल पाना है. स्थानीय किसान कई वर्षा से यहां कोल्ड स्टोरेज बनवाने व टोमेटो केचप फैक्ट्री लगाने की मांग कर रहे है, पर उनकी मांग पर कभी भी कोई जनप्रतिनिधि व अधिकारी मुखर नहीं हो पाया. किसान बड़ी मुश्किल से सब्जी की खेती करते हैं. कोल्ड स्टोरेज नहीं होने के कारण जल्दबाजी में सब्जियों को औने-पौने दाम में बेचना पड़ता है. आलम यह है कि किसान से अधिक कमाई बिचौलियों की होती है. किसानों ने विधायक बैजनाथ राम व कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से यहां कोल्ड स्टोरेज और केचप फैक्ट्री लगाने की मांग की है.

क्या कहते हैं किसान

प्रखंड के डाढा, फुलसू, बालूभांग, गोनिया, शिबला, टोंटी, साल्वे व अमरवाडीह के सैकड़ों किसान खेती कार्य से जुड़े है. मोहन उरांव, मंगर गंझू, मो साहीद, सेराज, गोपाल यादव, गणेश सिंह, बिनोद उरांव, भुनेश्वर यादव, मो साकीर व बिशुनदेव उरांव ने बताया कि बारियातू में कोल्ड स्टोरेज व टमाटर केचप फैक्ट्री की मांग काफी पुरानी है. अच्छी उपज के बावजूद सब्जियां बर्बाद होने के भय से औने-पौने दाम पर बेचना हमारी मजबूरी है. मेहनत की तुलना में आमदनी अच्छी नहीं हो पाती है.

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