बारियातू़ प्रखंड के प्रभारी रेंजर नंदकुमार मेहता ने के नेतृत्व में टीम ने बुधवार को वन क्षेत्र में दो अलग-अलग जगहों पर लगायी गयी मक्के की फसल को नष्ट कर दिया. बताया जाता है कि मक्के की फसल तैयार हो चुकी थी. नष्ट की गयी फसल की कीमत आठ लाख रुपये बतायी जाती है. सबसे पहले प्रभारी रेंजर वनकर्मियों व कुछ ग्रामीणों के साथ बारियातू पहुंचे. यहां उन्होंने शिबला पंचायत अंतर्गत भाटचतरा गांव में पांच एकड़ वनभूमि में लगी मक्का की फसल को नष्ट कर दिया. इसके बाद वे लोग गोनिया पंचायत के विश्रामपुर गांव पहुंचे. यहां उन्होंने ग्रामीण सड़क किनारे 15 एकड़ वनभूमि पर लगी मक्के की फसल को नष्ट किया. इसे लेकर वनभूमि पर मक्के की खेती करनेवाले ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति रोष है.
पांच हजार रुपये देकर करते हैं खेती
भूमिहीन किसान प्रमिला देवी, राजो देवी, सरिता देवी, आशा देवी, मंजु कुमारी आदि ने बताया कि वन विभाग के अधिकारियों ने बगैर किसी नोटिस व सूचना दिये हमारी फसल को बर्बाद कर दिया. करीब 20 एकड़ में मक्का की फसल तैयार हो चुकी थी. महिलाओं ने बताया कि विरोध करने पर हमारे साथ हाथापाई व दुर्व्यवहार किया गया. महिलाओं की माने तो मक्का की खेती के लिए हमने प्रभारी वनरक्षी विकास देव पांडेय से मिलकर बात की थी. प्रति किसान पांच-पांच हजार रुपया भी दिया था. इसी तालमेल के साथ पिछले करीब दस वर्ष से हम भूमिहीन किसान वन विभाग वनभूमि पर खेती कर रहे हैं. पूर्व में वन विभाग के कई कर्मी हम पर कार्रवाई करने व जुर्माना के नाम पर पैसे की वसूली भी करते रहे है. इसकी शिकायत 12 अगस्त को मुख्यमंत्री से की गयी थी.मनिका विधायक ने जतायी नाराजगी
कुछ किसानों ने इस मामले की जानकारी दूरभाष पर मनिका विधायक को दी. इस पर विधायक ने कहा कि जब वनभूमि की जुताई-कुड़ाई व फसल लगाने के समय वनकर्मी कहां थे. पूरे मामले की जांच कर करवाई की जायेगी. पीड़ित भूमिहीन किसानों को नष्ट फसल का मुआवजा व विभाग के कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की जायेगी.क्या कहते है रेंजर
इस संबंध में प्रभारी रेंजर नंदकुमार मेहता ने दूरभाष पर बताया कि डीएफओ के निर्देश पर भाटचतरा व विश्रामपुर में ग्रामीणों द्वारा वनभूमि पर अवैध तरीके से की गयी मक्के की खेती को लेकर कार्रवाई की गयी है. बुधवार को वन कर्मियों व कुछ ग्रामीणों की मदद से उक्त खेती को नष्ट कर दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है