लातेहार. लातेहार जिला में पलायन, रोजगार, सिंचाई और उच्च शिक्षा की स्थिति काफी खराब है. रोजगार के अभाव में प्रत्येक वर्ष जिले के सभी प्रखंडों से हजारों लोग पलायन करते हैं. सिंचाई की उचित व्यवस्था नहीं रहने से खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता है, जिससे किसान खेती नहीं कर पाते हैं. जिले में उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं है. जिला मुख्यालय में सरकारी डिग्री महाविद्यालय नहीं है. हालांकि एक डिग्री कॉलेज भवन बने हुए एक साल से अधिक समय हो गया, लेकिन उसमें पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है. बावजूद इसके कभी भी पलायन, रोजगार, सिंचाई व उच्च शिक्षा लोकसभा में चुनावी मुद्दा नहीं बन सका है. केंद्र व राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष रोजगार, सिंचाई और शिक्षा के क्षेत्र में करोड़ों रुपये खर्च किये जाते है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाता है. लोकसभा चुनाव में किसी पार्टी ने आज तक जिले के विकास के लिए कोई खाखा तैयार नहीं किया है जिससे विकास कार्य नहीं हुआ है. चुनाव के समय सभी प्रत्याशी विकास करने का दावा करते रहे है, लेकिन वह दावा सिर्फ खोखला हो जाता है. 2011 के जनगणना के अनुसार लातेहार जिले की आबादी 7 लाख, 67 हजार 765 है. चतरा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले लातेहार जिला में दो विधानसभा क्षेत्र मनिका और लातेहार है, जिसमें मनिका विधानसभा में मतदाताओं की संख्या 2 लाख 58 हजार 543 तथा लातेहार विधानसभा क्षेत्र में 3 लाख 4 हजार 899 है. जिले के दोनों विधानसभा क्षेत्र में 679 मतदान केंद्र है. मनिका विधानसभा में 321 तथा लातेहार विधानसभा क्षेत्र में 358 मतदान केंद्र हैं.
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पलायन, रोजगार, सिंचाई व शिक्षा आज तक नहीं बना लोकसभा चुनाव में मुद्दा
लातेहार जिला में पलायन, रोजगार, सिंचाई और उच्च शिक्षा की स्थिति काफी खराब है.
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