राजेश सिंह, जयनगर : कोरोना वैश्विक महामारी के दहशत के साये में जी रहे परसाबाद क्षेत्र के लोग कई समस्याओं से जूझ रहे हैं. लोगों की सबसे ज्यादा परेशानी नियमित जलापूर्ति नहीं होने से हो रही है. इस संबंध में कई बार जिला प्रशासन व संबंधित विभाग से शिकायत की गयी, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ.
कई बार यह मुद्दा विधानसभा में भी उठा. मगर सवाल सिर्फ सवाल बनकर रह गया. यहां तकनीकी गड़बड़ी व अनियमित विद्युत आपूर्ति के कारण अक्सर जलापूर्ति बाधित रहती है. परसाबाद में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग झारखंड सरकार द्वारा चार करोड़ 10 लाख 73 हजार की राशि खर्च कर 70 हजार गैलन क्षमता की जलमीनार का निर्माण कराया गया था. 930 घरों को कनेक्शन भी दिया गया.
परसाबाद, गडगी, कटिया, परसाबाद बाजार, स्टेशन रोड आदि क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाकर जलापूर्ति शुरू की गयी. मगर आज तक कभी भी नियमित जलापूर्ति नहीं हुई. तकनीकी खराबी आने पर उसे दुरुस्त करने में 15 दिन से एक माह तक लग जाता है. विभागीय उपेक्षा के कारण जलमीनार लोगों की प्यास नहीं बूझ पा रही है. जिन इलाकों में पाइपलाइन है, वहां लोग सुबह शाम पानी का इंतजार करते है. कभी एक समय तो कभी एक दिन जलापूर्ति बंद हो जाती है. इस संबंध में क्षेत्र के लोगों ने अपनी अलग अलग प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
हमारे गांव में जलमीनार है. गांव के बराकर घाट में इंटकवेल बना है. जिससे जलमीनार में पानी जमा होता है. मगर विभागीय लापरवाही के कारण हमलोगों को पानी नसीब नहीं हो पाता है. गडगी गांव में चिराग तले अंधेरावाली स्थिति है. यहां जलापूर्ति के संचालन के लिए बनायी गयी समिति भी फेल है.
श्रीकांत यादव, पूर्व पंसस गडगी