मोबाइल ऐप एम स्ट्राइप्स का प्रशिक्षण दिया गया
भारत सरकार के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा भारत के टाइगर रिजर्व इलाकों में सॉफ्टवेयर आधारित निगरानी प्रणाली एम स्ट्राइप्स की शुरुआत कर दी गयी है.
बेतला़ भारत सरकार के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा भारत के टाइगर रिजर्व इलाकों में सॉफ्टवेयर आधारित निगरानी प्रणाली एम स्ट्राइप्स की शुरुआत कर दी गयी है. झारखंड के एकमात्र बाघ आरक्षित पलामू टाइगर रिजर्व में जंगल और जानवरों की निगरानी के लिए इस प्रणाली की शुरुआत की गयी है. इसे लेकर बेतला नेशनल पार्क में शनिवार को पलामू टाइगर रिजर्व के साउथ और नॉर्थ डिवीजन के वरीय अधिकारियों, कर्मचारियों व टाइगर ट्रैकर को मोबाइल ऐप एम स्ट्राइप्स का दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षक डॉ अनूप प्रधान, शाहजहां इकबाल व प्रतीक धूम ने बताया गया कि आधुनिक सॉफ्टवेयर-आधारित निगरानी प्रणाली का उद्देश्य लुप्तप्राय बाघ सहित अन्य वन्य जीवों के संरक्षण और संवर्धन हेतु निगरानी को मजबूत करना है. टाइगर रिजर्व में गश्ती के दौरान बाघ, तेंदुआ सहित अन्य जंगली जानवरों को देखे जाने, डेड बॉडी मिलने, किसी भी तरह की आपराधिक घटनाओं और अन्य पारिस्थितिक बिदुओं की समीक्षा में यह प्रणाली कारगर है. इसके माध्यम से सभी तरह के डेटा एकत्र करने में आसानी होगी. इसका उद्देश्य पेट्रोलिंग की प्रभावशीलता और लोकल कवरेज को बढ़ाना है. वनकर्मियों द्वारा जब पेट्रोलिंग की जायेगी तब इस प्रणाली के माध्यम से मॉड्यूल पेट्रोलिंग, ट्रैक लॉग, जियोटैग की गयी तस्वीरों के साथ विभिन्न दृश्यों और विभिन्न प्रकार के पेट्रोलिंग ड्यूटी के दौरान की गयी महत्वपूर्ण टिप्पणियों का एक स्थानिक डेटाबेस में रखा जा सकेगा. फोन ऐप सेलुलर नेटवर्क कनेक्टिविटी के कारण देश भर के सभी जुड़े अधिकारियों एक साथ इसकी मॉनीटरिंग कर सकेंगे. इसका सबसे बड़ा फायदा यह भी होगा कि बिना फोन नेटवर्क वाले क्षेत्रों में काम करना जारी रख सकेगा. इस अवसर पर पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश कांत जेना, रेंजर शंकर पासवान व अजय टोप्पो सहित पीटीआर के 80 वनकर्मी मौजूद थे.