आदिवासी सभ्यता व संस्कृति बचाने की जरूरत : जिप उपाध्यक्ष
शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से मना. सुबह होते ही आदिवासी समाज के लोग उच्च विद्यालय बालूमाथ खेल मैदान में जुटने लगे थे.
बालूमाथ. शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से मना. सुबह होते ही आदिवासी समाज के लोग उच्च विद्यालय बालूमाथ खेल मैदान में जुटने लगे थे. इसके बाद वहां से शोभायात्रा निकाली गयी, जो छठ तालाब, दुर्गा मंडप, बस स्टैंड, मुरपा मोड़, प्रखंड कार्यालय होते हुए बिरसा मैदान पहुंची. शोभायात्रा में लोग एक तीर एक कमान आदिवासी एक समान, जंगलों की कटाई बंद करो, प्रकृति के साथ छेड़छाड़ बंद करो आदि नारा लगा रहे थे. मौके पर मुख्य अतिथि जिप उपाध्यक्ष अनीता देवी ने कहा कि आदिवासी समाज जल, जंगल जमीन की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. आदिवासी सभ्यता व संस्कृति बचाने की जरूरत है. पुलिस इंस्पेक्टर दीपक बिरुवा ने कहा कि देश की आजाद करने में कई आदिवासियों ने प्राणों की आहुति दी. धर्मगुरु तेतर उरांव ने कहा कि मुखिया से लेकर मुख्यमंत्री तक आदिवासी है, बावजूद हमारा कोई काम नहीं हो रहा. आदिवासियों की कोई नहीं सुन रहा. रांची से पहुंची ज्योति भेंगरा ने कहा कि हमें अपने आदिवासियत पर गर्व है. हम अपने मूल उद्देश्य से भटक रहे है, इसलिए सही पटल पर सही सम्मान नहीं मिल पा रहा. ऐश्वर्य उरांव ने कहा कि सभी आदिवासी भाई-बहन एकता का परिचय दे. इस अवसर पर प्रदीप गंझू, रीना उरांव, राजेंद्र गंझू, रामवृक्ष गंझू, सोहराई भगत, प्रवीण सिंह समेत अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे. कार्यक्रम में लल्लू उरांव, प्रेम गुप्ता, रामवृक्ष लोहरा, दिलीप, डॉ प्रभात मिंज, मुखिया सुरेंद्र उरांव आदि मौजूद थे.
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