रैवतकला डैम में मछलीपालन बंदोबस्ती का विरोध
मनिका प्रखंड के रैवतकला ग्राम के ग्रामीणों और विस्थापितों ने रैवतकला डैम में मछलीपालन के लिए किये गये निबंधन व बंदोबस्ती को रद्द करने की मांग कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की से की है
लातेहार. मनिका प्रखंड के रैवतकला ग्राम के ग्रामीणों और विस्थापितों ने रैवतकला डैम में मछलीपालन के लिए किये गये निबंधन व बंदोबस्ती को रद्द करने की मांग कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की से की है. इसे लेकर उन्हें आवेदन दिया है. ग्रामीण सुबोध कुमार, पूनम देवी, एमामूल हसन, संतोष राम, राजमोहन सिंह, शिवशंकर राम व राजेंद्र राम समेत अन्य विस्थापितों ने कहा है कि मनिका प्रखंड के विशुनबांध पंचायत के रैवतकला ग्राम में डैम का निर्माण कराया गया है. डैम में उनकी 13 एकड़ भूमि जलाशय क्षेत्र में चली गयी है. इस भूमि के अलावा उनके पास और कोई भूमि नहीं है. इसपर वे खेती कर जीवन यापन कर सकेंं. ज्ञापन में कहा है कि उन्होंने डैम में मछलीपालन के लिए अंचलाधिकारी से बात की थी. अंचल अधिकारी ने एक स्वयं सहायता समूह का गठन कर आवेदन देने की बात कही थी. उन्होंने समूह का गठन कर आवेदन भी दिया और 21 जुलाई 2020 को बंदोबस्ती के लिए आवेदन जिला मत्स्य पदाधिकारी के कार्यालय में भेजा. लेकिन, आज तक बंदोबस्ती नहीं की गयी. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गलत तरीके से चयन कर दूसरे समूह को बंदोबस्ती कर दी गयी है. उस समूह के अध्यक्ष रघुनंदन प्रसाद यादव, सचिव जाहिद अंसारी व कोषाध्यक्ष अताउल रहमान है, जबकि रघुनंदन प्रसाद यादव का एक इंच जमीन भी डैम क्षेत्र में नहीं है. वह रैवतकला गांव का रहनेवाला भी नहीं है.
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