चंद्रप्रकाश सिंह, लातेहार : राज्य सरकार ने गबन के आरोप में 19 मनरेगा कर्मियों की संविदा रद्द करते हुए उन पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश लातेहार उपायुक्त को दिया है. इन मनरेगा कर्मियों पर लातेहार जिले के बालूमाथ प्रखंड में वित्तीय वर्ष 2022-23 व 2023-24 में मनरेगा योजनाओं टीसीबी व मेंढ़ बंदी में बिना सिक्योर पीओ लॉगिन द्वारा योजना का चयन, ऑनगोइंग योजना को पूर्ण करने का आरोप है. सभी पर लगे आरोपों की जांच लातेहार लोकपाल संतोष कुमार पंडित द्वारा करायी गयी थी, जिसमें आरोपों को सही पाया गया था. इसके बाद ग्रामीण विकास विभाग ने जुलाई 2024 को लातेहार उपायुक्त को पत्र लिखा था, जिसमे गबन की राशि की वसूली, सरकारी पदाधिकारी, कर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने व संविदा कर्मियों की संविदा रद्द करने के साथ-साथ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है.
इन कर्मियों पर होनी है कार्रवाई
राज्य सरकार ने बीपीओ सहित कंप्यूटर ऑपरेटर व जीआरएस पर कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है, जिसमे मुज्जफर कमाल बीपीओ, अभिषेक साहू व रोहित कुमार केसरी (दोनों कंप्यूटर ऑपरेटर), प्रबील राम व ललन कुमार (दोनो बीएफटी), शत्रुधन महतो, सीताराम मिस्त्री, रानी कुमारी, उपेंद्र यादव, अजय भगत, रामसूल हक, हिरालाल सिंह, सुरेंद्र पासवान, सतेंद्र पासवान, निरंजन कुमार, सुजीत कुमार सिंह, शत्रुघ्न महतो, सुरेंद्र कुमार व राजेश प्रसाद (सभी जीआरएस) शामिल हैं.क्या कहती हैं डीसी : इस संबंध में उपायुक्त गरिमा सिंह ने कहा कि जिले के बालूमाथ प्रखंड में मनरेगा में हुई गड़बड़ी के मामले में राज्य सरकार से 19 मनरेगा कर्मियों पर कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजा है. पत्र के आलोक में कार्रवाई होगी.
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