लातेहार में विभागीय लापरवाही से नहीं हो सका है धान का उठाव, गोदाम में रखे-रखे सड़ने लगा
जिला मुख्यालय के लैंपस के गोदाम में रखे धान पर कुर्सी लगा कर कार्यालय का संचालन किया जा रहा है. सरकारी आदेश से धान की खरीदारी बंद होने के बाद धान का उठाव करने के लिए निबंधित राइस मील द्वारा समय पर धान का उठाव नहीं किया नतीजतन गोदाम में रखे धान बरसात शुरू होने के बाद सड़ने लगे है. कई गोदामों में भारी मात्रा में सड़े हुए धान को फेंक दिया गया. इस तरह हेरहंज गोदाम से भी अब तक धान का उठाव नही हो सका है.
लातेहार : किसान देश की रीढ़ माने जाते हैं. किसानों द्वारा उपजायी गयी खाद्य सामग्रियों से ही देश के लोगों को दो वक्त का खाना नसीब होता है. देश में मुख्य रूप से धान की फसल हर प्रदेश में होती है. लातेहार लैंपस में रखे धान जो किसानों से खरीदे गये हैं, अब सड़ने लगे हैं. विभागीय लापरवाही का आलम है कि लातेहार के अलावा बहुदेश्यीय भवन में रखे गये धान का उठाव अब तक पूरा नहीं हो सका है.
जिला मुख्यालय के लैंपस के गोदाम में रखे धान पर कुर्सी लगा कर कार्यालय का संचालन किया जा रहा है. सरकारी आदेश से धान की खरीदारी बंद होने के बाद धान का उठाव करने के लिए निबंधित राइस मील द्वारा समय पर धान का उठाव नहीं किया नतीजतन गोदाम में रखे धान बरसात शुरू होने के बाद सड़ने लगे है. कई गोदामों में भारी मात्रा में सड़े हुए धान को फेंक दिया गया. इस तरह हेरहंज गोदाम से भी अब तक धान का उठाव नही हो सका है.
जिले में इस वर्ष 4653 किसानों ने अपना निबंधन कराया था, जिसमें से 2721 किसानों ने अपना धान बेचा है. जिले में दो लाख, एक हजार, 926.88 क्विंटल खरीदने का लक्ष्य था, जिसमें से एक लाख, 15 हजार, 503.29 क्विंटल धान खरीदा गया. धान खरीदने के लिए जिले में 17 क्रय केंद्र खोले गये थे, जिसमें लातेहार में चार, बरवाडीह में दो, चंदवा में दो, मनिका में दो, बालूमाथ में दो, महुआडांड़ में दो, गारू, हेरहंज व बारियातू प्रखंड में एक-एक केंद्र शामिल हैं.