24 लैपसों मे 15 से हाेगी धान की खरीदारी

जिले में इस वर्ष धान की बपंर खेती हुई है जिससे किसानों को अधिक आमदनी की उम्मीद है

By Prabhat Khabar News Desk | December 8, 2024 7:30 PM

तसवीर-8 लेट-3 लातेहार लैंपस

लातेहार. जिले में इस वर्ष धान की बपंर खेती हुई है जिससे किसानों को अधिक आमदनी की उम्मीद है. जिले में धान की खरीदारी 15 दिसंबर से शुरू होगी. धान खरीदारी को लेकर जिला सहकारिता विभाग ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी को 24 लैंपसों की सूची उपलब्ध करा दिया है. इन 24 लैंपसों में किसानों से धान की खरीदारी होगी. इस बार जिले में दो लाख क्विंटल धान खरीदारी का लक्ष्य रखा गया है. किसानों से धान खरीदारी के लिए 15 दिसंबर से मैसेज भेजना शुरू कर दिया जायेगा. मैसेज पहुंचने के बाद किसानों से लैंपस में धान की खरीदारी की जायेगी. जिला आपूर्ति पदाधिकारी रश्मि लकड़ा ने बताया कि जिन किसानों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है वैसे किसान अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. जिले मे 5255 किसान निबंधित है.

इन 23 लैंपसो मे होगी धान की खरीदारी:

धान खरीदारी के लिए जिले में 24 लैंपस बनाये गये है. जिसमें लातेहार प्रखंड के शीशी, लातेहार, मननचोटाग, नावागढ़ व पोचरा, चंदवा के लाधुप, सासंग, कामता व चंदवा, बालूमाथ, बालू व मुरपा, बारियातू के बारियातू, हेरहंज के सलैया, मनिका के मनिका, सिंजो व मटलौंग, बरवाडीह के छिपादोहर व मंगरा, गारू के गारू व कबरी, महुआडांड़ के बरदौनी,महुआडांड़ व सरयू लैंपस शामिल है. धान खरीदारी में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए इस बार ई पॉश मशीन का उपयोग किया जाएगा. जो किसान धान बेचना चाहते हैं उन्हे बायोमेट्रिक लगाना जरूरी है. पॉश मशीन का उपयोग का उद्देश्य धान खरीदारी में फर्जीवाड़ा को रोकना है.

2400 रुपये प्रति क्विंटल धान की होगी खरीदारी:

लैंपस में धान खरीदारी शुरू नहीं होने के कारण किसान औने-पौने दाम में धान बेचने को मजबूर है. किसान रंजीत यादव व संतोष यादव ने बताया कि लैंपस में धान खरीदारी नहीं होने के कारण हम लोग सस्ते दाम में धान बेच दिये. समय से लैंपस में धान की खरीदारी शुरू होती तो हम लोग लैंपस में ही धान बेचते. जिससे हमलोग को ज्यादा मुनाफा होता. जिले में 1700 से 1800 प्रति क्विंटल धान की खरीदारी बिचौलियो द्वारा किया जा रहा है. जबकि सरकार द्वारा इस वर्ष 2400 रुपए प्रति क्विंटल धान की खरीदारी की जायेगी. ऐसे में किसानों को प्रति क्विंटल 600 से 700 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version