बारियातू. साल्वे पंचायत अंतर्गत रूचवा टोला में रहनेवाले लोग आज भी सड़क और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा के लिए तरस रहे हैं. ऐसे में अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने का सरकार का दावा खोखला साबित हो रहा है. 30 घर वाले इस टोला में करीब दो सौ लोग रहते हैं. ग्रामीण शंभु गंझू, हरिलाल गंझू, मुकेश गंझू, महेश गंझू, कुलदीप गंझू, प्रभु गंझू, बिनोद गंझू, मनोज गंझू, राजू गंझू, रामवृक्ष गंझू, राहुल गंझू, संतोष गंझू, बबलू गंझू, सुनवा देवी, चिंता देवी, कविता देवी, शांति देवी, मंजु देवी व सुनील गंझू ने बताया कि टोले में कई समस्याएं हैं. नल-जल योजना से पूरे क्षेत्र में घर-घर तक पेयजल पहुंचाने का दावा किया जा रहा है, पर यहां स्थिति बिल्कुल विपरीत है. टोले में बिजली है, पर तार बेतरतीब ढंग से खींचे गये हैं. ऐसे में हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है. टोले का पहुंच पथ कच्चा है. इस वजह से बारिश के मौसम में यह पथ कीचड़ में तब्दील हो जाता है. ऐसे में मुख्यालय तक आने-जाने में काफी परेशानी होती है. टोले के पुराने चापानल में ही सोलर जलमीनार लगा दी गयी है. आज तक एक बूंद पानी भी इससे नहीं निकला. शुद्ध पेयजल को लोग तरस रहे हैं. सिंचाई का साधन नहीं होने से किसान बारिश पर आधारित खेती पर निर्भर हैं. प्रखंड प्रशासन व जनप्रतिनिधि ने भी कभी इस टोले की ओर ध्यान नहीं दिया. ग्रामीणों ने विधायक बैजनाथ राम व उपायुक्त से टोला में सड़क, पेयजल व अन्य सुविधा बहाल कराने की मांग की है.
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