बेतला. चार वर्ष के बाद पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में एक बाघिन के होने की पुष्टि हुई है. संभावना यह भी ही है कि उस बाघिन के शावक भी हैं. हैदराबाद में स्थित वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद द्वारा संचालित सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) ने पीटीआर में बाघिन के होने की पुष्टि कर दी है. इस प्रकार पीटीआर इलाके में चार बाघ के बाद एक बाघिन के होने की भी पुष्टि हो गयी है. दरअसल पिछले वर्ष नवंबर महीने में छोटे साइज का पग मार्क को देखा गया था. उस समय यह संभावना व्यक्त की गयी थी कि संभवत: वह पग मार्क किसी बाघिन का हो, इसलिए उस इलाके में स्केट (मल) की खोज कर उसे जांच के लिए हैदराबाद के सीसीएमबी में भेजा गया था. सीसीएमबी ने जांच के बाद जो रिपोर्ट भेजी है उसमें बाघिन के मौजूद होने की पुष्टि की गयी है. बाघिन के होने की पुष्टि के बाद पूरे पीटीआर में एक बार फिर से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर दिया गया है. विभागीय पदाधिकारी के निर्देश पर पूरे इलाके में गहनता से छानबीन की जा रही है. यह पता लगाया जा रहा है कि उक्त बाघिन वर्तमान समय में कहां है और कहीं उसके साथ उसके बच्चे (शावक) तो नहीं हैं. बरसात जंगली जानवरों का प्रजनन काल होता है. बाघिन एक बार में चार से छह बच्चों को जन्म देती है. ऐसे में पीटीआर में बाघों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है. क्लैंप टाइगर रिजर्व के क्षेत्र निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि प्रबंधन के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि इस इलाके में अब चार बाघ के अलावा एक बाघिन भी मौजूद हैं. उनका ठहराव पीटीआर इलाके में ही है, इसलिए आनेवाले समय में पीटीआर में बाघों की संख्या बढ़ने की संभावना बन गयी है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में एक बाघिन के पीटीआर में होने की पुष्टि हुई थी. इसकी बाद में बेतला इलाके में ही उसकी मौत हो गयी थी. उसके बाद से किसी भी बाघिन के पीटीआर में होने की कोई जानकारी नहीं मिल रही थी.
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