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सिकनी कोलियरी में उत्पादन ठप, मजदूर परेशान

थाना क्षेत्र अंतर्गत जेएसएमडीसी द्वारा संचालित सिकनी कोल परियोजना में उत्पादन पिछले करीब तीन माह से ठप है.

फोटो : 18 चांद 3 : प्रदर्शन करते मजदूर व संघ के लोग. 18 चांद 6 : बंद पड़ी सिकनी कोलियरी. प्रतिनिधि चंदवा. थाना क्षेत्र अंतर्गत जेएसएमडीसी द्वारा संचालित सिकनी कोल परियोजना में उत्पादन पिछले करीब तीन माह से ठप है. यहां उत्पादन शुरू कराने की मांग को लेकर बुधवार को झारखंड खनिज मजदूर संघ के बैनर तले कोलियरी कार्यालय के समीप मजदूरों ने जोरदार प्रदर्शन किया. संघ के अध्यक्ष सत्येंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि सिकनी कोल परियोजना पिछले करीब तीन माह से पूरी तरह बंद है. यह कोलियरी कई लोगों के जीवन बसर का सहारा है. कोलियरी बंद होने से यहां से जुड़े मजदूरों की हालत भुखमरी के कगार पर पहुंच गयी है. श्री यादव ने कहा कि इस बार कोलियरी क्यों बंद है, इस मामले पर प्रबंधन कोई ठोस जवाब नहीं दे रहा. वार्ता करने पर परियोजना के खान अभिकर्ता कहते है कि हमने तो डीओ ऑक्शन के लिए मुख्यालय भेजा है. मुख्यालय से ही डीओ ऑक्शन नहीं निकाला जा रहा है. इससे स्पष्ट होता है कि निगम के वरीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही यह कोलियरी बंद पड़ी है. यहां कार्यरत मजदूर परेशान हैं. काम के अभाव में मजदूर पलायन को मजबूर है. संघ के लोगों ने प्रबंधन से अपील की कि मजदूरों के हित में उक्त परियोजना को तत्काल शुरू किया जाये. अगर प्रबंधन हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है तो संघ के बैनर तले जोरदार आंदोलन किया जायेगा. प्रदर्शन के बाद संघ के लोगों ने निगम के प्रबंध निदेशक के नाम खान अभिकर्ता व माइंस एजेंट को ज्ञापन भी सौंपा. जिले की आर्थिक रीढ़ रही है उक्त परियोजना ज्ञात हो कि सिकनी कोल परियोजना प्रखंड समेत पूरे जिले की आर्थिक रीढ़ रही है. बावजूद यह आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. आये दिन किसी ना किसी मामले को लेकर यहां उत्पादन प्रभावित होता रहा है. इससे यहां से जुड़े मजदूर, ट्रक ऑनर, डीओ-होल्डर्स व चालक-उपचालक के परिवार को परेशानी होती है. क्या कहते है खान अभिकर्ता प्रबंधन से जुड़े लोगों की मानें तो उक्त कोलियरी में खनन कार्य केपी इंटरप्राइजेज कर रही थी. अक्तूबर 2024 में ही इसकी कार्यअवधि समाप्त हो गयी है. नवीनीकरण नहीं होने के कारण रेजिंग कार्य बंद है. वहीं दूसरी ओर सिकनी कोलियरी फेज-टू का माइनिंग लीज भी फरवरी 2025 में समाप्त होने की बात सामने आ रही है. ऐसे में अगर प्रबंधन ने जल्द ही इस पर गंभीरता से विचार नहीं किया तो हजारों लोगों के समक्ष भुखमरी की हालत होगी. खान अभिकर्ता उमेश सिंह ने इस संबंध में कहा कि कुछ तकनीकी पहलुयों के कारण व्यवधान बना है. जल्द ही इसे दूर कर कोलियरी का संचालन सुचारू रूप से करने का प्रयास होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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