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झारखंड के इस जिले में आदिम जनजाति परिवारों को जनवरी में मिला नवंबर का राशन, डाकिया योजना में ऐसे मिलता है अनाज

PVTG Dakiya Yojana Ration: लातेहार में आदिम जनजाति परिवारों को दिसंबर महीने का राशन नहीं मिला है. अधिकारियों के निर्देश पर अभी नवंबर महीने का अनाज दिया गया है. इन्हें पीवीटीजी डाकिया योजना के तहत राशन दिया जाता है.

PVTG Dakiya Yojana Ration: गारू (लातेहार), कृष्णा प्रसाद-झारखंड के लातेहार जिले के गारू प्रखंड के बारीबांध गांव के आदिम जनजाति परिवारों को जनवरी महीने में नवंबर का राशन दिया गया है. अधिकारियों के निर्देश पर राशन डीलर ने गांव पहुंचकर अनाज का वितरण किया. सरयू एवं गारू प्रखंड के आदिम जनजाति परिवारों को अभी भी दिसंबर के अनाज का इंतजार है. लाभुकों ने राशन डीलर पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आदिम जनजाति परिवारों को पीवीटीजी डाकिया योजना के तहत राशन दिया जाता है.

ग्रामीणों ने डीसी से की थी शिकायत


ग्रामीण राजेश बृजिया, चंद्रदेव बृजिया, पुष्पा देवी, सरस्वती देवी, अरुण बृजिया, सुनीता देवी, सुषमा देवी, पुष्पा देवी समेत अन्य ग्रामीणों ने लातेहार के उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता को आवेदन देकर राशन दिलाने की मांग की थी. इसके बाद राशन डीलर ने गांव आकर अनाज का वितरण किया. ग्रामीणों का आरोप है कि राशन डीलर ने नवंबर महीने का अनाज एक महीना पहले ही गोदाम से उठा लिया था और कहीं रख दिया था. वह राशन नहीं बांट रहा था. इसलिए उपायुक्त से शिकायत की गयी थी. ग्रामीणों ने कहा कि जिस राशन का वितरण किया गया है, वह काफी घटिया किस्म का है. खाने के लायक नहीं है. पहले अच्छी क्वालिटी का राशन दिया जाता था. ग्रामीणों की मानें तो डीलर ने अच्छी किस्म का अनाज बेचकर घटिया राशन वितरण किया है.

बोरी के अभाव में राशन वितरण में देरी


राशन डीलर आशुतोष यादव ने इस संबंध में बताया कि बोरी के अभाव में चावल की पैकिंग नहीं हो पा रही है. जल्द ही दिसंबर महीने का अनाज आदिम जनजाति परिवारों को दिया जाएगा.

एक-दो दिनों में हो जाएगा राशन का वितरण


एमओ जीतेंद्र कुमार पाठक ने बताया कि जेएसएलपीएस द्वारा बोरी उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण समस्या आयी है. एक-दो दिनों में बोरी आने के बाद अन्य गांवों के ग्रामीणों को भी अनाज मुहैया करा दिया जाएगा.

पीवीटीजी डाकिया योजना में ये है व्यवस्था

पीवीटीजी डाकिया योजना यानी विशिष्ट जनजाति खाद्यान्न सुरक्षा योजना. इसके तहत आदिम जनजाति परिवारों को अंत्योदय लाभुकों के रूप में योजना का लाभ दिया जाता है. राशन डीलर उनके गांव पहुंचकर राशन का वितरण करते हैं. डाकिया योजना के तहत हर परिवार को 35 किलो अनाज बोरी में पैक कर दिया जाता है.

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