राजेंद्र बाबू की छोटी बहन का भी निधन, आज ही होगी भाई-बहन की अंत्येष्टि
मजदूरों के नेता, पूर्व मंत्री और बेरमो के कांग्रेस विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह के निधन के दूसरे दिन सोमवार को उनकी छोटी बहन गायत्री देवी (71 वर्ष) का भी निधन हो गया. परिजनों के अनुसार, वे करीब एक माह से बीमार चल रही थीं. रविवार को राजेंद्र बाबू के निधन का समाचार मिलने के बाद उन्हें गहरा सदमा लगा, जिससे उनकी तबीयत और खराब हो गयी. सोमवार सुबह उनका भी निधन हो गया.
बेरमो/लातेहार : मजदूरों के नेता, पूर्व मंत्री और बेरमो के कांग्रेस विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह के निधन के दूसरे दिन सोमवार को उनकी छोटी बहन गायत्री देवी (71 वर्ष) का भी निधन हो गया. परिजनों के अनुसार, वे करीब एक माह से बीमार चल रही थीं. रविवार को राजेंद्र बाबू के निधन का समाचार मिलने के बाद उन्हें गहरा सदमा लगा, जिससे उनकी तबीयत और खराब हो गयी. सोमवार सुबह उनका भी निधन हो गया. मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार को राजेंद्र बाबू के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार बेरमो के दामोदर नदी के तट पर होगा. वहीं, उनकी छोटी बहन का अंतिम संस्कार चंदवा प्रखंड के एटे बारी गांव में किया जायेगा. मुखाग्नि उनके बड़े बेटे दामोदर शाहदेव देंगे.
इधर, राजेंद्र बाबू के पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से सड़क मार्ग से सोमवार देर रात करीब 11 बजे बेरमो लाया गया. लोगों के दशनार्थ बेरमो स्थित आवास पर उनका पार्थिव शरीर रखा गया है. मंगलवार को दिन के 11 बजे घर से अंतिम यात्रा निकलेगी. सबसे पहले पार्थिव शरीर को ढोरी स्थित आरसीएमएस कार्यालय ले जाया जायेगा. वहां से फुसरो बाजार, करगली रोड होते हुए रामविलास उच्च विद्यालय के निकट दामोदर नदी के तट पर अंतिम संस्कार होगा.
उल्लेखनीय है कि श्री सिंह का रविवार की दोपहर गुरुग्राम स्थित फोर्टिज अस्पताल में निधन हो गया था. दो मई को उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया गया था. दो भाइयों के अलावा पांच बहनें भी थीं राजेंद्र बाबू की दिवंगत कांग्रेस नेता राजेंद्र प्रसाद सिंह के अलावा उनके दो भाई और पांच बहनें थीं. तीनों भाइयों की मौत हो चुकी है. दिवंगत गायत्री देवी राजेंद्र बाबू से छोटी थीं. वे लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड के एटे बारी गांव में रहती थीं. उनके पति का नाम लाल वीरेंद्र नाथ शाहदेव है. रांची में रह रहे उनके देवर लाल अभय नाथ शाहदेव देव ने बताया कि गायत्री देवी अपने पीछे दो पुत्र और चार पुत्रियां छोड़ गयी हैं.