अतिक्रमण से सिमट रहे हैं नदी और तालाब
शहर में हर साल जलस्तर गिरता जा रहा है. गर्मी के मौसम में लोग पेयजल के लिए परेशान रहते है. इसकी मुख्य वजह नदियों, तालाबों व आहरों पर लगातार हो रहा अतिक्रमण है.
लातेहार. शहर में हर साल जलस्तर गिरता जा रहा है. गर्मी के मौसम में लोग पेयजल के लिए परेशान रहते है. इसकी मुख्य वजह नदियों, तालाबों व आहरों पर लगातार हो रहा अतिक्रमण है. अतिक्रमण की वजह से नदी व तालाब सिमटते जा रहे हैं. पिछले पांच वर्ष में शहर के कई तालाबाें पर अतिक्रमण किया जा चुका है. औरंगा नदी से रोजाना भारी मात्रा में अवैध तरीके से बालू का उठाव हो रहा है, जिससे नदी सिमटती जा रही है. वहीं जिला मुख्यालय के बानपुर मुहल्ले से होकर बहने वाली जायत्री नदी का अस्तित्व खत्म होने की कगार पर है. ललमटिया डैम जायत्री नदी को दो भागों में बांटता है. अम्वाटीकर में ललमटिया डैम से बहनेवाले नाले पर लगातार अतिक्रमण हो रहा है. वहीं बाजारटांड़ से होकर बहने वाली जायत्री नदी पर अतिक्रमण कर लोग पुलिया का निर्माण कर चुके हैं. बानपुर मुहल्ला में स्थित सामुदायिक शौचालय के पास एक व्यवसायी द्वारा घर की नींव खोदने के दौरान निकली मिट्टी को जायत्री नदी में डाल कर अतिक्रमण किया गया है. शहर के बीचो-बीच स्थित केश्वर आहर के आसपास जमीन कारोबारी अतिक्रमण करने में जुटे हैं. क्या कहते हैं अधिकारी इस संबंध में लातेहार अंचल अधिकारी अरविंद देवाशीष टोप्पो ने कहा कि शहर की पुरानी नदियों और तालाबों का सर्वे कराया जायेगा. इसके बाद लोगों द्वारा किये गये अतिक्रमण की जांच होगी. अतिक्रमण किस तरीके से किसके द्वारा की गयी है, जांच के बाद उस पर कार्रवाई होगी. वहीं नगर पंचायत के प्रशासक राजीव रंजन ने कहा कि जायत्री नदी पर अतिक्रमण करने वाले को नोटिस भेज कर मिट्टी हटाने का निर्देश दिया जायेगा. इसके बाद भी व्यवसायी द्वारा मिट्टी नहीं हटायी गयी तो कार्रवाई की जायेगी.