मंदिर के वार्षिकोत्सव पर सप्तशति पाठ
श्री वैष्णव दुर्गा मंदिर का 31वां वार्षिकोत्सव को लेकर तीन दिवसीय अनुष्ठान आठ फरवरी से कलशयात्रा के साथ शुरू हो चुका है.
लातेहार. श्री वैष्णव दुर्गा मंदिर का 31वां वार्षिकोत्सव को लेकर तीन दिवसीय अनुष्ठान आठ फरवरी से कलशयात्रा के साथ शुरू हो चुका है. नौ फरवरी को दुर्गा सप्तशति पाठ का आयोजन किया गया है. पुजारी त्रिभुवन पांडेय अनुष्ठान करा रहे हैं. मुख्य यजमान संतोष प्रसाद (पिंटू) सप्तनीक मौजूद थे. 10 फरवरी को अपराह्न 12 बजे कन्या पूजन के बाद भंडारा और रात्रि में भगवती जागरण का आयोजन किया गया है. श्री वैष्णव मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है. दूर-दूर से लोग यहां आते हैं और मां का दर्शन करते हैं.
1992 में हुआ था मंदिर का निर्माण:
1992 में इस मंदिर का निर्माण कराया जा रहा था. मंदिर निर्माण समिति का अध्यक्ष अभिनंदन प्रसाद एवं मुस्लिम समुदाय के मो शफीक (अब स्वर्गीय) को मंदिर निर्माण समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया था. जिस स्थान पर मंदिर है, वहां एक बड़ा तालाब था. तालाब के पास आजादी के पहले से ही दुर्गा पूजा होता था. बाद में साल 1948 को तालाब के एक हिस्से को भर कर देवी मंडप का निर्माण कराया गया था. उसके बाद से लगातार देवी मंडप में माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की जाती थी. बाद में सामूहिक बैठक कर मंदिर निर्माण कराने का निर्णय लिया गया. 1994 में प्रतिमा स्थापित की गयी. तब से माघ मास की त्रयोदशी, शुल्क पक्ष की तिथि को मंदिर का तीन दिवसीय स्थापना दिवस मनाया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है