चंद्रप्रकाश सिंह, लातेहार : विशेष जांच दल (एसआइटी) ने बालूमाथ में कोयला के कारोबार में संलिप्त पुलिस पदाधिकारियों के मामले की जांच शुरू कर दी है. बालूमाथ में बड़े पैमाने पर कोयले की तस्करी हो रही थी, जिसमें कई पुलिस पदाधिकारी शामिल थे. बालूमाथ प्रखंड के आरा व चमातू कोल साइडिंग में कोयला लदे ट्रकों को पकड़े जाने के बाद जांच में पुलिस अधीक्षक द्वारा इसका खुलासा किया गया था. जांच में कोयला कारोबारियों से कोयला लदे वाहनों को छोड़ने के बदले में एसडीपीओ, थाना प्रभारी व कई पुलिस कर्मियों द्वारा रिश्वत लिये जाने की पुष्टि हुई थी.
हालांकि इसके बाद मुख्यालय के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक प्रशांत आनंद ने एसडीपीओ रणवीर सिंह को मुख्यालय बुला लिया था. वहीं थाना प्रभारी राजेश मंडल समेत नौ पुलिस कर्मियों को निलंबित करते हुए लाइन हाजिर किया था. बालूमाथ के बाद चंदवा थाना क्षेत्र भी कोयला व्यवसाय की एक बड़ी मंडी है. इन दोनों थाना क्षेत्रों में कोल साइडिंग संचालित हैं, जहां से कोयला का कारोबार होता है. अवैध कोल साइडिंग संचालित होने की सूचना खनन विभाग को है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर छापेमारी कर खानापूर्ति कर ली जाती है.
जांच दल में हैं कई अफसर: बालूमाथ में पुलिस पदाधिकारियों की कोयला तस्करी में संलिप्त पाये जाने के बाद सभी पर कार्रवाई करते हुए पूरे मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया गया. एसआइटी में मुख्यालय डीएसपी डाॅ कैलाश करमाली, महुआडांड़ एसडीपीओ रतिभान सिंह, बालूमाथ पुलिस निरीक्षक बबलू कुमार व थाना प्रभारी भानु प्रताप सिंह शामिल हैं.
पूरे मामले की जांच कर रहा है दल: एसपी
पुलिस अधीक्षक प्रशांत आनंद ने बताया कि एसआइटी पूरे मामले की जांच कर रहा है. सभी बिंदुओं पर जांच की जानी है. एसआइटी की जांच में जो दोषी पायेंगे, उन पुलिस पदाधिकारी व पुलिस कर्मियों पर चार्जशीट दाखिल की जायेगी.