पीटीआर के घने जंगलों में अत्याधुनिक तकनीक से वन्य जीवों का सर्वे
लामू टाइगर रिजर्व में पर्यावरण और वन मंत्रालय के जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम की ओर से दुर्लभ वन्यजीवों सहित सभी वन्य जीवों का सर्वे का काम किया जा रहा है.
बेतला. पलामू टाइगर रिजर्व में पर्यावरण और वन मंत्रालय के जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम की ओर से दुर्लभ वन्यजीवों सहित सभी वन्य जीवों का सर्वे का काम किया जा रहा है. करीब 20 वर्षों तक नक्सलियों का दबदबा रहा. इस कारण पलामू टाइगर रिजर्व में सर्वे का काम नहीं हो सका था. नक्सलियों का सफाया होने के बाद वन विभाग की ओर से इस बार स्वतंत्र तरीके से आच्छादित इलाके तक पहुंचकर टीम सर्वे का काम कर रही है. सर्वे टीम दुर्लभ जीवों पर फोकस कर रही है. एक समय था, जब पलामू टाइगर रिजर्व में 50 बाघ सहित हजारों वन्य जीव मौजूद थे. अब कई जीवों का अस्तित्व खत्म हो गया है. आधुनिक तकनीक के आधार पर वन्य जीवों का यह सर्वे का कार्य पूर्ण होने के बाद इसकी वास्तविक रिपोर्ट वन मंत्रालय को भेजी जायेगी. टीम अलग-अलग मौसम में सर्वे कर रही है.बरसात के बाद सर्दी में वन्य जीवों की गतिविधियों का अध्ययन करने काम हो रहा है. टाइगर रिजर्व में वर्तमान में पांच बाघ, करीब 50 तेंदुआ, 150 हाथी, 6000 हिरण सहित दुर्लभ होते 50 वायसन समेत सैकड़ों प्रकार के वन्य प्राणी व सैकड़ों प्रजातियों के पक्षियां मौजूद हैं.
1974 में हुआ है पलामू टाइगर रिजर्व का गठन:
50 वर्ष पूर्व 1974 में जब टाइगर रिजर्व की स्थापना की गयी थी, उस समय भी सर्वे का काम किया गया था. उस समय सर्वे करने का तकनीक पुराना था. बाद में कई बार अलग-अलग तरीकों से सर्वे कर वन विभाग टाइगर रिजर्व में मौजूद वन्य प्राणियों को डॉक्यूमेंटेशन करने का काम किया गया था. 1932 में देश में पहली बार बाघों की गिनती पलामू में की गयी थी. 1129.93 वर्ग किमी में फैले 414.08 वर्ग किमी कोर एरिया और 715.85 वर्ग किमी बफर एरिया है. कुल क्षेत्रफल में से 226.32 वर्ग किमी को बेतला नेशनल पार्क है. इसमें बफर जोन में 53 वर्ग किमी को पर्यटन क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया गया है.
क्या कहते हैं डिप्टी डायरेक्टर:पलामू टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश कांत जेना ने कहा कि जूलॉजिकल सर्वे कोलकाता की एक टीम पीटीआर में कैंप कर रही है. सर्वे के माध्यम से यह पता लगाया जा रहा है कि पलामू टाइगर रिजर्व में कितने प्रकार के वन्य जीव जंतु हैं. सर्वे के बाद यह जानकारी निकल कर सामने आयेगी. इससे संबंधित रिपोर्ट प्रकाशित की जायेगी.
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