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7,93,685 लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने का लक्ष्य : सीएस

दस अगस्त से शुरू होनेवाले राज्य व्यापी फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की सफलता को लेकर गुरुवार को सिविल सर्जन कार्यालय में सीएस डाॅ अवधेश कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता की.

लातेहार. दस अगस्त से शुरू होनेवाले राज्य व्यापी फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की सफलता को लेकर गुरुवार को सिविल सर्जन कार्यालय में सीएस डाॅ अवधेश कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता की. उन्होंने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जिले के 7,93,685 लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया हैं. इसके लिए 124 पर्यवेक्षकों को लगाया गया हैं. साथ ही लक्ष्य की प्राप्ति के लिए 1054 बूथ बनाये गये हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए डीइसी व आइवरमेक्टिन की 1984214 तथा अल्बेंडाजोल की 902410 गोलियों की आवश्यकता हैं. उन्होंने कहा कि फाइलेरिया का कोई इलाज नहीं है. जागरूकता से ही इससे बचा जा सकता है. इसके लिए 10 अगस्त को सदर अस्पताल परिसर से अभियान की शुरुआत की जायेगी. इस अवसर पर डाॅ अनिल कुमार, सुनील कुमार सिंह, पीरामल फाउंडेशन के प्रोग्राम मैनेजर संजय कुमार गुप्ता, प्रोग्राम लीडर तनीमा घोष, विक्रम कुमार व जेवियर हेमंत मौजूद थे.

फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जागरूकता रैली निकली

गारू. प्रखंड मुख्यालय में गुरुवार को उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय के विद्यार्थियों ने फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के सफल संचालन को लेकर जागरूकता रैली निकाली. रैली मुख्य बाजार से शुरू होकर मेन रोड महावीर मंदिर होते हुए देवी मंडप पहुंच कर संपन्न हो गयी. मौके पर प्रभारी प्राचार्य धर्मेंद्र उपाध्याय व सह प्राचार्य देवनाथ महतो ने कहा कि 10 अगस्त से जिले में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान शुरू हो रहा है, जिसमें मेडिकल टीम घर-घर जाकर दवा खिलायेगी. गर्भवती महिलाएं, गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति और दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को फाइलेरिया की दवा नहीं दी जायेगी. उन्होंने फाइलेरिया से बचाव के लिए सावधानी बरतने, मच्छरदानी का उपयोग करने और साफ-सफाई का ध्यान रखने की अपील की.

फाइलेरिया उन्मूलन अभियान 10 से

चंदवा. प्रखंड में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम 10 से 25 अगस्त तक चलेगा. इसके लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं सहित अन्य विभागों के कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है. पंचायत प्रतिनिधियों को इसे जनआंदोलन का रूप देने की अपील की गयी है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नीलिमा व बीडीओ चंदन प्रसाद ने कहा कि फाइलेरिया लाइलाज बीमारी है, जो मच्छर के काटने से होती है. इस रोग की पहचान मच्छर के काटने के करीब पांच-सात वर्ष बाद होता है, इसलिए इससे सतर्क रहने की जरूरत है. 10 अगस्त से फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत होगी. इसके बाद स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर दवा खिलायेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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