लातेहार. जिले में मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है. महुआडांड़ प्रखंड के महुआडांड़ गांव में आम बागवानी योजना में फर्जी तरीके से राशि की निकासी की गयी है. इसका खुलासा नरेगा वाच के राज्य संयोजक जेम्स हेरेंज ने किया है. श्री हेरेंज नौ अक्तूबर को महुआडांड़ गांव का दौरा किया था. उन्होंने बताया कि पंचायत द्वारा साबरा बीबी, मंजूर हसन, शफी अहमद व एलियास अहमद को मनरेगा से आम बागवानी योजना दी गयी है. योजनाओं की स्थलीय जांच में पाया गया कि लाभुक साबरा बीबी (पति उस्मान अंसारी) की महुआडांड़ गांव में अपनी कोई जमीन नहीं है. ये किराये के मकान में रहती हैं. फिर भी उनके नाम आम बागवानी योजना स्वीकृत की गयी है, जिसकी प्राक्कलन राशि 4.17 लाख रुपये है. इसमें अब तक 1,70,202 रुपया खर्च हो चुकी है. शफी अहमद का महुआडांड़ में सिर्फ मकान है. इसके अलावा इनका कोई जमीन नहीं है. ये महुआडांड़ बिरसा चौक में गाड़ी का गैरेज खोले हुए हैं, लेकिन इनके नाम से भी बागवानी योजना स्वीकृत है. जिसकी प्राक्कलन राशि 4.17 लाख रुपये है. इसमें से अब तक 1,94,385 रुपया खर्च हो चुका है. एलियास अहमद की महुआडांड़ में सिर्फ डेढ़ डिसमिल भूमि है, जिसमें उनका घर बना हुआ है. इसके अलावा इनका कोई जमीन नहीं है. ग्राम पंचायत ने इनके नाम से आम बागवानी योजना स्वीकृत की है. जिसका प्राक्कलन राशि 4.17 लाख रुपया है, जिसमें से अब तक 1.81 लाख रुपया खर्च हो चुका है. वहीं मंजूर हसन का महुआडांड़ में सिर्फ मकान है, जो स्थानीय बाजार में प्रतिदिन दुकान चलाते हैं, लेकिन पंचायत ने इनके नाम से भी आम बागवानी योजना स्वीकृत की है, जिसका प्राक्कलन राशि 4.17 लाख रुपया है. इसमें से अब तक 1,90,685 रुपया खर्च हो चुका है. उन्होंने बताया कि गांव में 4 भूमिहीनों के नाम से बागवानी योजना स्वीकृत की गयी है, जो मनरेगा कानून के सर्वथा विपरीत है. उन्होंने कहा कि सभी योजना में फर्जी मस्टर रोल लगाकर राशि की निकासी की गयी है. इस अनियमितता के लिए मनरेगा कर्मियों के अलावा पंचायत सेवक व मुखिया व तत्कालीन बीडीओ अमरेंन डांग दोषी है. उन्होंने इस मामले में उपायुक्त से उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.
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