व्यवसाय का रूप ले रहा है जिले में टेंडर मैनेज का खेल
जिले में टेंडर मैनेज का खेल धीरे-धीरे व्यवसाय का रूप धारण करता जा रहा है, जिसमें स्थानीय संवेदकों का एक मजबूत गिरोह सक्रिय है.
लातेहार. जिले में टेंडर मैनेज का खेल धीरे-धीरे व्यवसाय का रूप धारण करता जा रहा है, जिसमें स्थानीय संवेदकों का एक मजबूत गिरोह सक्रिय है. जिले के किसी विभाग द्वारा होनेवाले टेंडर में संवेदकों का गिरोह मैनेज के समय जुटते हैं और तीन से सात प्रतिशत वसूली करते हैं. यह सिलसिला हर टेंडर में चलता है. ऐसा ही मामला शनिवार को एनआरइपी के टेंडर में देखने को मिला है. एनआरईपी के कार्यपालक अभियंता द्वारा जिले के मनिका प्रखंड के बड़काडीह, दुंदु, मटलौंग व सिंजो पंचायत के विभिन्न विद्यालय में चहारदीवारी निर्माण के लिए निविदा प्रकाशित की गयी है, जिसमे कुल सात योजना शामिल हैं. जिसका प्राक्कलन सबसे कम 13 लाख 7 हजार तथा सबसे अधिक 22 लाख 37 हजार 600 रुपया है. सभी निविदा शनिवार दोपहर एक बजे तक जिला नियंत्रण कक्ष परिसर में जमा करनी थी.
सड़क जाम के कारण खड़े रहे निदेशक
एनआरइपी कार्यालय के समीप जिला नियंत्रण कक्ष संचालित होता है. उसी रास्ते से आइटीडीए निदेशक, एसडीओ, एलआरडीसी सहित कई पदाधिकारी अपने कार्यालय आते-जाते है. शनिवार को निविदा जमा करने के दौरान जिला नियंत्रण कक्ष परिसर में संवेदकों की काफी भीड़ जुटी थी. इस दौरान आइटीडीए निदेशक प्रवीण कुमार गागराई अपने कार्यालय आ रहे थे, लेकिन निविदा जमा करने के लिए संवेदकों की गाड़ी सड़क पर खड़ी थी, इस कारण निदेशक को कुछ देर तक इंतजार करना पड़ा. इसके बाद कार्यालय के कर्मी बाहर आकर सभी को अपनी-अपनी गाड़ी हटाने को कहा. इसके बाद निदेशक अपने कार्यालय के पार्किंग में पहुंचे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है