जरूरतमंदो को नही मिला अबुआ आवास का लाभ
झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी अबुआ आवास योजना के चयन में नियमों की अनदेखी की गयी है.
तसवीर-28 लेट-3 नंदनी चौरठ का टूटा घर, लेट-4 मनेवरी देवी का घर महुआडांड़. झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी अबुआ आवास योजना के चयन में नियमों की अनदेखी की गयी है. प्रखंड के जरूरतमंदों को इस योजना से वंचित रखा गया है. जबकि संपन्न और पूर्व से विभिन्न सरकारी योजना से लाभान्वित लोगों को अबुआ आवास दे दिया गया है. इसका खुलासा सामाजिक कार्यकर्ता अफसाना के द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगे गये सूचना से हुआ है. आठ सदस्यीय सत्यापन समिति के प्रशांता किंडो, जल साहिया कुंती देवी, महिला स्वयं सहायता समूह की सक्रिय दीदी सरस्वती देवी, वार्ड सदस्य दोलोरोसा मिंज, रीना देवी, अनूप कुमार एवं महुआडाड़ पंचायत की उप मुखिया चंद्रमणि देवी ने मिलकर स्थलीय जांच के बाद कहा है कि अबुआ आवास के चयन में अनियमितता बरती गयी है. ग्राम प्रधान विकास उरांव ने कहा कि सरकारी ग्रामसभा में लाभुकों की सूची तैयार की गयी है, उस ग्रामसभा के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. योजना के लिए तय माप दंड राज्य सरकार ने अबुआ आवास योजना के लिए एक मापदंड तय किया है. जिसमे वैसे परिवारों का चयन करना है, जिनके पास कच्चा घर, आवास विहीन एवं निराश्रित परिवार, प्राकृतिक आपदा शिकार परिवार, कानूनी तौर पर बंधुआ मजदूर परिवार, राज्य अथवा केंद्र सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री आवास, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर आवास योजना, बिरसा आवास योजना व इंदिरा आवास योजना लाभ का नहीं मिला हो. पंचायत के जरूरतमंद आरती देवी (पति चंदन उरांव), मंजू देवी (पति राजू प्रसाद) व हमीद खान यह सभी मजदूरी कर जीवन यापन करते है. मूल निवासी हैं, जमीन है पर घर नहीं होने के कारण किराया में रहते है. बंजरी देवी (पति स्व सिफना नगेसिया), मनेवरी देवी (पति छोठन कुम्हार), रूमाना खातून (पति मुस्ताक अंसारी), नंदनी चौराठ (पति दीपू दिनेश मुंडा) का कच्चा मकान है. सभी ने सरकार आपके द्वार शिविर में आवास के लिए आवेदन दिया था लेकिन इन्हे प्राथमिकता नहीं दी गयी. सभी ने इस मामले में उपायुक्त गरिमा सिंह ने उचित कार्रवाई करते हुए आवास दिलाने की मांग की है.
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