अब तक नहीं हुई नेतरहाट के नाशपाती बगान की नीलामी
पिछले वर्ष 50.32 लाख रुपये में नाशपाती बागान की नीलामी हुई थी
चंद्रप्रकाश सिंह, लातेहार. जिले के नेतरहाट में कृषि विभाग द्वारा नाशपाती की खेती की जाती है, जिससे विभाग को लाखों रुपये का राजस्व मिलता है, लेकिन इस वर्ष अब तक नाशपाती बागान की नीलामी नहीं हुई है. समय से नाशपाती के नहीं टूटने से नेतरहाट के डंकन बगान से नाशपाती की चोरी शुरू हो गयी है. नेतरहाट में डंकन वन और टू बगान है, जिसकी हर साल नीलामी होती है. यहां 65 एकड़ में फैले नाशपाती बगान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है. वैसे नेतरहाट में स्थानीय लोगों द्वारा भी नाशपाती की खेती की गयी है. उन्होंने नाशपाती तोड़ने का काम शुरू कर दिया है. जानकार बताते हैं कि इस वर्ष अनुमानित उत्पादन लगभग 60 टन है.
कार्य करनेवाले मजदूरों को हो रही परेशानी
नेतरहाट के नाशपाती बगान से हर वर्ष नाशपाती तोड़ने के लिए दो सौ से अधिक मजदूरों की आवश्यकता पड़ती है. सभी मजदूर स्थानीय होते हैं. नाशपाती तोड़ने के लिए प्रति मजदूर 250 रुपये का भुगतान किया जाता है. वहीं तोड़ने के दौरान बगान परिसर में 30 गार्ड रखे जाते हैं, वे भी स्थानीय होते हैं. उन्हें प्रतिदिन 300 रुपये मजदूरी मिलती है. नाशपाती तोड़ने का काम एक माह चलता है. इसके अलावा नाशपाती की ढुलाई के लिए छोटे वाहन की जरूरत होती है, जो स्थानीय लोग उपलब्ध कराते हैं, लेकिन बागान की नीलामी नहीं होने से स्थानीय मजदूरों सहित इस कार्य से जुड़े कई लोग प्रभावित हो रहे हैं.
क्या है परेशानी
नेतरहाट का नाशपाती बगान रांची कृषि विभाग के अंतर्गत आता है, जिसकी नीलामी रांची कृषि विभाग द्वारा करायी जाती रही है. लेकिन राज्य सरकार ने इस वर्ष से नेतरहाट के नाशपाती बगान को पलामू प्रमंडल के अधीन कर दिया है. अब बागान की नीलामी संयुक्त कृषि निदेशक पलामू प्रमंडल द्वारा की जानी है, जो अब तक नहीं हो सकी है. पिछले वर्ष 50.32 लाख रुपये में नाशपाती बागान की नीलामी हुई थी.
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