रांची : लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान रेंजर तरुण कुमार सिंह ने 11.50 लाख रुपये नकद लेकर पोस्ट ऑफिस पहुंचने के लिए सुरक्षा कारणों से लंबा रास्ता चुना था. विभागीय जांच रिपोर्ट में लंबी दूरी तय करना रेंजर का निजी फैसला बताया गया है. हालांकि शीर्ष स्तर पर सुरक्षा कारणों से लंबा रास्ता चुनना अब भी सवालों के घेरे में है, क्योंकि चुनाव में सतर्कता और सुरक्षा सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा होती है.
सरकारी पैसा एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के क्रम में प्रशासन द्वारा सुरक्षा देने का प्रावधान भी है. इसके बाद भी रेंजर ने प्रशासन से सुरक्षा नहीं मांगी. रेंजर वृंदा पांडेय के बाद बारेसाढ़ अाये : इस बीच तरुण सिंह का पदस्थापन लातेहार के बारेसाढ़ में हुआ. प्रभार लेने के बाद बकाया मजदूरी के भुगतान की जिम्मेवारी नये रेंजर की हो गयी. बारेसाढ़ में एक ही पोस्ट ऑफिस है.
इसी पोस्ट ऑफिस के माध्यम से वन विभाग मजदूरी का भुगतान करता है. इस पोस्ट ऑफिस में इंटरनेट सुविधा न होने से पूरी तरह मैनुअल काम होता है. बारेसाढ़ पोस्ट ऑफिस चेक लेने से इनकार करता है. पोस्ट ऑफिस के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास जो व्यवस्था है, उसके तहत उन्हें वन विभाग से चेक लेने के बाद पैसा संबंधित बैंक से नकद लाना होगा.
पोस्ट ऑफिस द्वारा डालटनगंज स्थित बैंक से नकद लेकर आना संभव नहीं है. पोस्ट मास्टर ने लिखित तौर पर यह बात कही है. इसलिए बैंक से नकद राशि लाकर पोस्ट ऑफिस में जमा की जाती है.
इसके बाद बारेसाढ़ पोस्ट ऑफिस में खोले गये मजदूरों के खाते में राशि जमा की जाती है तथा मजदूर अपनी सुविधा के हिसाब से अपने पैसे निकालते हैं. पोस्ट ऑफिस की इस स्थिति की वजह से रेंजर तरुण सिंह ने डालटनगंज स्थित यूनियन बैंक के खाते से 13 मार्च 2019 को 50 हजार और 18 मार्च को स्टेट बैंक से 11 लाख रुपये की निकासी की.
posted by : sameer oraon