बरवाडीह. प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित चुंगरू पंचायत में हाई स्कूल नहीं रहने से यहां के बच्चे आठवीं कक्ष के बाद पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. चुंगरू पंचायत में नावाडीह मध्य विद्यालय, हेहेगड़ा उत्क्रमित मध्य विद्यालय व होसीर उत्क्रमित मध्य विद्यालय संचालित हैं. वर्तमान में पंचायत के तीनों मध्य विद्यालय में 170 बच्चे आठवीं में पढ़ रहे हैं, लेकिन आठवीं पास करने के बाद हाई स्कूल नहीं रहने से वे आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख पाते हैं.
क्या कहते हैं मुखिया
आदिम जनजाति समुदाय से आनेवाले मुखिया बलदेव परहिया ने बताया कि यहां के गरीब बच्चे किसी तरह आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई तो पूरी कर लेते हैं, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं. उच्च शिक्षा के लिए बच्चों को 30 किलोमीटर दूर बरवाडीह व गारू प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है. इसके अलावा छिपादोहर 16 किलोमीटर दूर है. ग्रामीण बिपिन बिहारी सिंह ने बताया कि झारखंड अलग राज्य बनने के 24 वर्ष बाद भी चुंगरू पंचायत में उच्च विद्यालय का अभाव है. इस कारण आदिम जनजाति बहुल क्षेत्र के निर्धन छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचित है. उन्होंने सरकार से पंचायत में अविलंब उच्च विद्यालय खोलने की मांग की है. जिला परिषद सदस्य कन्हाई सिंह ने कहा कि चुंगरू पंचायत में उच्च विद्यालय खोलने की मांग की जा रही है. इस मांग पर अविलंब करवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों के सहयोग से आंदोलन चलाया जायेगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी नागेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि एक वर्ष पूर्व ही चुंगरू के नावाडीह व हरातू (मुंडू) पंचायत में उच्च विद्यालय खोलने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है.
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