लातेहार जिले के पथ में पड़ी दरार, दोपहिया वाहन चलाना भी हुआ दूभर
ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा वर्ष 2012-13 में सड़क का निर्माण दो पार्ट में कराया गया था. धर्मपुर मोड़ से देवी मंडप के पीछे तक तथा देवी मंडप के पीछे से बाइपास चौक तक 17-17 लाख रुपये की लागत से सड़क की पीसीसी करायी गयी थी. इस रास्ते में पड़ने वाले केश्वर आहर की मेढ़ पर बनी सड़कों की हालत दयनीय हो गयी. लोगों का कहना है कि इस पथ पर वाहनों के आवागमन के बाद आहर की मेढ़ की मिट्टी धीरे-धीरे धंसने लगी और सड़क कई जगहों पर बीच में दरार पड़ गयी है.
शहर के बाइपास चौक से धर्मपुर मोड़ तक जानेवाली केश्वर आहर पर बनी पीसीसी सड़क का जीर्णोद्धार कराने की मांग जोर पकड़ने लगी है. करीब डेढ़ किमी लंबी यह सड़क बाइपास चौक से धर्मपुर जाने का शॉटकट रास्ता है. धर्मपुर मोड़ के पास सदर अस्पताल, ब्लड बैंक, सब्जी मार्केट, डाकघर, समाहरणालय व कचहरी अवस्थित हैं. इससे अक्सर लोग इस सड़क का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन सड़क जर्जर होने से चार पहिया, क्या दोपहिया वाहन का भी इस रास्ते से गुजरना दूभर हो गया है. सड़क बीच से कई हिस्सों में फट गयी है, तो कई जगहों पर दरार पड़ गयी हैं. लोगों का कहना है कि पथ का पुनर्निर्माण या जीर्णोद्धार कराना जरूरी है.
वर्ष 2012-13 में किया गया था पीसीसी :
ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा वर्ष 2012-13 में सड़क का निर्माण दो पार्ट में कराया गया था. धर्मपुर मोड़ से देवी मंडप के पीछे तक तथा देवी मंडप के पीछे से बाइपास चौक तक 17-17 लाख रुपये की लागत से सड़क की पीसीसी करायी गयी थी. इस रास्ते में पड़ने वाले केश्वर आहर की मेढ़ पर बनी सड़कों की हालत दयनीय हो गयी. लोगों का कहना है कि इस पथ पर वाहनों के आवागमन के बाद आहर की मेढ़ की मिट्टी धीरे-धीरे धंसने लगी और सड़क कई जगहों पर बीच में दरार पड़ गयी है.
मुख्य पथ के जाम होने पर इस पथ से होती थी सहूलियत :
बाइपास चौक निवासी आनंद कुमार कहते हैं कि यह सड़क अस्पताल व कचहरी जाने का एक शॉटकट रास्ता है, लेकिन सड़क जर्जर होने से सड़क से वाहन लेकर जाना दूभर हो गया है. लोग अब बाइपास रोड से आधा किमी अधिक दूरी तय कर अस्पताल या कचहरी पहुंचते हैं.
रेलवे स्टेशन रोड निवासी मनीष अग्रवाल बताते हैं कि यह सड़क काफी उपयोगी है. मुख्य पथ पर अक्सर जाम रहता है, जिससे लोग इस पथ का अधिक इस्तेमाल करते हैं. पेट्रोल व डीजल का मूल्य बढ़ जाने से भी लोग शॉटकट सड़क का इस्तेमाल अधिक करना चाहते हैं. लेकिन अब यह सड़क जर्जर हो गयी है. सड़क से आवागमन करना मुश्किल हो गया है. इस पथ का पुनर्निर्माण जरूरी हो गया है.
वार्ड पार्षद ने कहा: वार्ड पार्षद संतोष रंजन ने कहा कि पथ के निर्माण में तकनीकी समस्या थी. उन्होंने कहा कि आहर की मेढ़ पर पथ निर्माण के समय ही गार्डवाल का निर्माण होना चाहिए था, जो नहीं हुआ. बाद में गार्डवाल का निर्माण कराया गया. लेकिन उस गार्डवाल का निर्माण सड़क की लेबल से नहीं कराया गया. सड़क से चार-पांच फीट नीचे गार्डवाल बनाया गया, जिससे मिट्टी का ठहराव नहीं हो सका और आहर की मेढ़ की मिट्टी धंसने लगी और सड़क की हालत ऐसी हो गयी. श्री रंजन ने बताया कि उन्होंने इस पथ का जीर्णोद्धार कराने के लिए नगर पंचायत बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव रखा है, जो विचाराधीन है.
कार्यपालक अभियंता ने कहा: ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता दीपक कुमार ने कहा कि योजना वर्ष 2012-13 की है. योजना के पांच वर्ष पूरे हो जाने पर उसे मरम्मत के लिए लिया जा सकता है. श्री कुमार ने कहा कि विभाग द्वारा जर्जर सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर लेकर उसकी मरम्मत व जीर्णोद्धार कराया जाना है. इस सड़क की भी मरम्मत करायी जायेगी.