लातेहार. 2024 का लोकसभा चुनाव जिले के कई क्षेत्रों में खास मायने रखेगा. माओवादियों से मुक्त होने के बाद बूढ़ा पहाड़ के इलाके में रहनेवाले लोग पहली बार भयमुक्त होकर मतदान करेंगे. इसके लिए एसपी अंजनी अंजन ने व्यापक योजना तैयार की है. बूढ़ा पहाड़ लातेहार जिला के अलावा गढ़वा और छत्तीसगढ़ राज्य तक फैला है. इस पूरे इलाके को माओवादियों की राजधानी कहा जाता था. बूढ़ा पहाड़ के जंगलों में माओवादियों ने अपनी सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर विस्फोटक लगा रखा था, इसलिए यहां मतदान कराना काफी कठिन कार्य था, लेकिन पिछले दो वर्ष में पुलिस द्वारा लगातार अभियान चलाया गया. इस वजह से कई माओवादी मारे गये. वहीं कई ने आत्मसमर्पण कर दिया. लातेहार जिले के नावाटोली, तिसिया, कुजरूम, आरेसापाट, मौनाडीह, सेमरटांड़ के अलावा आसपास के कई गांव के लोग चुनाव के दौरान भयभीत रहते थे. दो वर्ष से सुरक्षा बलों ने इस इलाके में माओवादियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाया, जिसका परिणाम यह हुआ कि आज स्थिति काफी बदल चुकी है. माओवादियों का आतंक समाप्त हो चुका है. लोगों का जीवन सामान्य हो गया है. लातेहार एसपी बूढ़ा पहाड़ के इलाके में पड़नेवाले गांवाें का भ्रमण कर ग्रामीणों को मतदान करने को लेकर जागरूक कर रहे हैं. गांव में बैठक कर मताधिकार की जानकारी दे रहे हैं.
बूढ़ा पहाड़ इलाके में पहली बार होगा भय मुक्त मतदान
. माओवादियों से मुक्त होने के बाद बूढ़ा पहाड़ के इलाके में रहनेवाले लोग पहली बार भयमुक्त होकर मतदान करेंगे.
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