लातेहार. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय की अदालत ने सत्रवाद 298 /14 की सुनवाई करते हुए अवैध हथियार रखने और उग्रवादी गतिविधियों में सम्मिलित होने के आरोप को सत्य पाया है. अभियोजन पदाधिकारी अशोक कुमार दास ने अदालत में सात गवाहों को पेश किया. अभियोजन के अनुसार आठ जुलाई 2014 को चंदवा के संतोष कंस्ट्रक्शन द्वारा कराये जा रहे चंदवा-महुआमिलान-मैक्लुस्कीगंज रोड निर्माण में कार्यरत मुंशी जितेंद्र कुमार साहू को सशस्त्र उग्रवादियों ने बाइक से साइट जाने के वक्त पकड़ लिया था. खुद को पीएलएफआइ उग्रवादी बताते हुए उन्होंने ठेकेदार को दो लाख रुपये लेवी देने को कहा था. मुंशी ने संतोष कंस्ट्रक्शन के मालिक मृत्युंजय कुमार सिंह को इसकी सूचना फोन पर दी. मृत्युंजय कुमार सिंह ने तुरंत इसकी जानकारी चंदवा थाना को दी. मौके पर पहुंच कर चंदवा पुलिस ने सुशील उरांव उर्फ विनोद जी उर्फ भगत जी और अनीश कुजूर उर्फ अनिल कुजूर को हथियारों के साथ गिरफ्तार कर लिया. इस संबंध में चंदवा थाना में कांड संख्या 68/ 2014 के तहत दर्ज है. मामले का विचारण करते हुए अदालत ने उपरोक्त दोनों आरोपियों के विरुद्ध दोष सही पाया और उन्हें भादवि की धारा 384/ 511 के तहत एक वर्ष का कठोर कारावास व 10000 रुपया जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त कारावास, धारा 386/ 511 के तहत पांच वर्ष का कठोर कारावास व 50000 रुपया जुर्माना, जुर्माना नहीं देने की स्थिति में छह माह का अतिरिक्त कारावास, भादवि की धारा 387/ 511 के तहत तीन वर्ष का कठोर कारावास व 50000 रुपया जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास, आर्म्स एक्ट की धारा 25(1 बी),26, 35 के तहत छह वर्ष का कठोर कारावास व 200000 रुपया का जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास तथा 17 सीएलए के तहत छह माह का कठोर कारावास व 10000 जुर्माना और जुर्माना नहीं देने पर तीन माह की सजा सुनाई गयी.
बिजली के तार को नुकसान पहुंचाने वाले को 18 माह का कारावास
लातेहार. अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शशि भूषण शर्मा की अदालत ने बिजली के तार को नुकसान पहुंचाने के दोषी गुप्तेश्वर यादव को अधिकतम 18 माह का कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी है. जानकारी के अनुसार गुप्तेश्वर यादव 22 अक्तूबर 2021 को 11 हजार वोल्ट तार के पास स्थित सेमल का पेड़ काट रहा था. पेड़ की टहनी तार पर गिरने से 11 हजार वोल्ट का तार क्षतिग्रस्त हो गया था. मामले की जानकारी मिलने के बाद बिजली विभाग की ओर से प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. अदालत ने मामले पर संज्ञान लेते हुए आरोपी के विरुद्ध दिनांक 12 जनवरी 2024 को भादवि की धारा 427 और तीन डैमेज ऑफ पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट के तहत आरोप गठन किया था. अभियोजन पदाधिकारी रवींद्र नाथ चौरसिया द्वारा अदालत में छह गवाहों को पेश किया गया. गवाही के उपरांत श्री शर्मा की अदालत ने गुप्तेश्वर यादव को दोषी ठहराया. श्री शर्मा की अदालत ने भादवि की धारा 427 के तहत एक वर्ष का कठोर कारावास व 5000 जुर्माना, जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में दो माह का अतिरिक्त कारावास तथा तीन डैमेज ऑफ पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के तहत 18 माह का कठोर कारावास व 10 हजार जुर्माना लगाया है. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में चार माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनायी है. अदालत ने सभी सजा साथ-साथ चलने का आदेश दिया है. ज्ञात हो की इस मामले का स्पीडी ट्रायल कर अदालत ने महज नौ महीनों के अंतराल में मामले को निष्पादित किया है.
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