झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व में फिर दिखा बाघ, कैमरा ट्रैप में कैद हुई तस्वीर
झारखंड के लातेहार जिले के पलामू टाइगर रिजर्व में फिर बाघ दिखा है. इसकी तस्वीर कैमरा ट्रैप में कैद हुई है. इससे पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन काफी खुश है. सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध किए गए हैं.
बेतला (लातेहार) संतोष कुमार: झारखंड के लातेहार जिले के पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में अपने आसपास होने वाली किसी भी गतिविधि को भांपकर तस्वीर लेने वाले कैमरा ट्रैप में फिर से एक बाघ की तस्वीर कैद हुई है. पीटीआर के घने जंगलों में चार बाघों की उपस्थिति लगातार बनी हुई है. उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अलग-अलग जगहों पर 100 से अधिक कैमरा ट्रैप लगाया गया है. बाघ की मौजूदगी वाले इलाकों में कैमरा लगाने का सकारात्मक परिणाम दिख रहा है. बाघ की आकर्षक तस्वीर सामने आने से पीटीआर प्रबंधन में जहां खुशी की लहर है, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता कर दिया गया है. पलामू टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर कुमार आशुतोष ने जानकारी दी कि पीटीआर में अब लगातार बाघ की उपस्थिति दर्ज हो रही है. ये बेहद खुशी की बात है.
पलामू टाइगर रिजर्व में लगाए गए हैं 100 से अधिक कैमरा ट्रैप
पलामू टाइगर रिजर्व में 100 से अधिक कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं. इनका उपयोग ऑटोमेटिक तस्वीर खींचने के लिए किया जा रहा है. यह कैमरा बीहड़ जंगलों में गुप्त तरीके से लगाया जाता है. फोटो लेने से पहले इस कैमरे के बारे में सामने वाले को कोई पता नहीं चलता है. जैसे ही कोई कैमरा के आसपास से होकर गुजरता है, कैमरा सक्रिय हो जाता है और स्वयं ही तस्वीर खींच लेता है.
बाघ की लगातार उपस्थिति हो रही दर्ज
पलामू टाइगर रिजर्व में इसके अलावा 300 से अधिक टाइगर ट्रैकर वन रक्षियों व अन्य आधुनिक तकनीकी से लैस उपकरणों को लगाया गया है. इसका नतीजा सामने आने लगा है. तकरीबन प्रत्येक माह बाघ की दो या तीन बार तस्वीर सामने आ रही है. पलामू टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर कुमार आशुतोष ने बताया कि पिछले वर्ष से पलामू टाइगर रिजर्व में मॉनिटरिंग का ही नतीजा है कि लगातार बाघ की उपस्थिति दर्ज हो रही है.
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