हेरहंज. प्रखंड के उद गांव बुनियादी सुविधाओं से महरूम है. यहां करीब चालीस-पच्चास घर हैं. गांव के लोगों की सबसे बड़ी समस्या सड़क की है. आजादी के बाद से आज तक यहां कभी सड़क नहीं बनी. पुलिया नहीं रहने से ग्रामीणों को बारिश के मौसम में काफी परेशानी होती है. हेरहंज से उद गांव की दूरी महज तीन किलोमीटर है. ग्राम प्रधान बंधन यादव, ग्रामीण सोइराई भुइयां व रतन राम ने बताया कि सड़क व पुल-पुलिया निर्माण के लिये कई बार सांसद, विधायक, डीसी व बीडीओ को आवेदन दिया, पर कोई सुनवाई नहीं हुई. तत्कालीन उपायुक्त मुकेश कुमार उद गांव आये थे. यहां शौचालय का उद्घाटन किया था. उस वक्त उन्होंने जेइ को सड़क व पुल-पुलिया का प्राक्कलन तैयार करने का निर्देश दिया था. इसके बाद श्री कुमार का तबादला हो गया. उनके तबादले के बाद सारा कार्य रुक गया.
मरीजों व विद्यार्थियों को होती है ज्यादा परेशानी
ग्रामीणों ने बताया कि गांव तक सड़क व पुल-पुलिया नहीं होने के कारण बारिश के मौसम में विद्यार्थियों व मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है. बारिश के दिनों में अगर किसी महिला को प्रसव पीड़ा होती है, तो उसे चारपाई से पगडंडी के सहारे अस्पताल ले जाना पड़ता है. गांव में पेयजल की सुविधा भी नहीं है. सड़क के अभाव में कोई वाहन गांव तक नहीं पहुंच पाता है. नल-जल योजना का लाभ भी हमें नहीं मिला.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है