महुआडांड़. प्रखंड के शहीद चौक से लेकर शास्त्री चौक तक आदिवासी मूलवासी एससी, एसटी समूह के बैनर तले मशाल जुलूस निकाला गया. मशाल जुलूस में जाति आधारित जनगणना जल्द कराओ, एससी एसटी आरक्षण में वर्गीकरण मंजूर नहीं, संविधान से छेड़छाड़ बंद करो, अन्याय अब नहीं सहेंगे, एससी एसटी एकता जिंदाबाद के नारे लगाये गये. इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता जेरोम जेराल्ड कुजूर ने कहा कि सामाजिक शोषण, अन्याय, भेदभाव और तिरस्कार को देखते हुए सामाजिक समानता और प्रतिनिधित्व के लिये आरक्षण व्यवस्था लागू की गयी थी. जब तक देश में जातिवाद है ,तब तक आरक्षण हमारा संविधान हक है. चूंकि अभी भी वही कुरीतियां और समस्याएं व्याप्त हैँ और हजारों सालों का तिरस्कृत समाज पूर्ण रूप से सामाजिक बराबरी में नहीं आ पाया है, इसलिए 1 अगस्त 2024 क़ो सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों की खंडपीठ द्वारा एससी एसटी आरक्षण में वर्गीकरण व उप वर्गीकरण कर ओबीसी वर्ग की तरह आर्थिक मापदंड द्वारा क्रीमी लेयर श्रेणी की बात रखी गयी है, जो कि तत्कालीन समय अनुसार न्यायसंगत नहीं है. इसलिये उनके निर्गत दस्तावेज व टिप्पणियों और वर्गीकरण व उप वर्गीकरण के विरोध में मशाल जुलूस द्वारा हम सभी विरोध दर्ज कराना चाहते हैँ. केंद्र सरकार और राज्य सरकार एससी व एसटी आरक्षण में वर्गीकरण व उप वर्गीकरण के फॉर्मूले की आदेश-सलाह को जल्द निष्क्रिय करें और समान- शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य की व्यवस्था पर जोर करे. वही सभी ने भारत बंद का आह्वान किया है. मौक पर अभय मिंज, कुलदीप मिंज, विक्रम, मोती,सुशील, अनिल मनोहर,एलेजियूस सहित कई अन्य कार्यकर्ताओ के साथ महिला-पुरुष व युवा वर्ग जुलूस में शामिल थे.
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