पहाड़ों से घिरा है लातेहार के पातम-डाटम जलप्रपात, पर्यटकों को लुभाता है ये दृश्य
तीन ओर से घिरे पहाड़ के बीच उंचाई से गिरता झरने का पानी मनोरम दृश्य बनाता है. खास बात यह है कि जिस स्थान पर झरने का पानी गिरता है वह स्थान काफी गहरा है.
हेरहंज : प्रकृति की गोद में बसे हेरहंज प्रखंड अंतर्गत लातेहार के डोरांग टोला स्थित पातम-डाटम जलप्रपात में पर्यटकों की भीड़ उमड़ने लगी है. वैसे तो यहां सालों भर लोग घुमने आते है, पर नये साल में यहां बड़ी संख्या में लोग पिकनिक मनाने आते है. पातम-डाटम जलप्रपात पातम रानी के भी नाम से भी जाना जाता है. जलप्रपात के समीप ही देवी-देवता का स्थान है. जहां लोग पूजा-अर्चना करते है. मन्नत भी मांगते है. स्थानीय लोगाें की माने तो दिल से मांगी गयी मन्नत यहां अवश्य पूरी होती है.
तीन ओर से घिरे पहाड़ के बीच उंचाई से गिरता झरने का पानी मनोरम दृश्य बनाता है. खास बात यह है कि जिस स्थान पर झरने का पानी गिरता है वह स्थान काफी गहरा है. पातम-डाटम जलप्रपात में बनारस, पटना, रांची, हजारीबाग, चतरा, गुमला, लोहरदगा, डालटनगंज समेत दूर-दूर से सैलानी यहां आते है. इस जलप्रपात में राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू, नंदलाल प्रसाद साहू, इचाक गांव निवासी इंद्रनाथ सिंह खरवार समेत अन्य लोगों की पहल पर दो बूंद पानी नामक फिल्म की शूटिंग भी हुई थी.
कैसे पहुंचे यहां
पातम-डाटम जलप्रपात पहुंचने के लिए बालूमाथ-हेरहंज-पांकी मुख्य पथ स्थित हेरहंज थाना क्षेत्र के इनातू गांव से चार किमी की दूरी तय कर यहां पहुंचा जा सकता है. जलप्रपात तक जाने के लिये पक्की सड़क बनाई गई है.
नहीं हो पाया अपेक्षाकृत विकास
यहां तक पहुंचने के लिये पक्की सड़क बनाई गयी है. पर सीढ़ी निर्माण व सौंदर्यीकरण नहीं हो पाया है. स्थानीय ग्रामीण कई वर्षो से इसकी मांग कर रहे है. सीढ़ी बन जाने के बाद वृद्धों व अन्य लोगों को भी काफी सहुलियत होती.